Rajasthan News : भारत में इन दिनों स्टार्टअप का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से युवा भी कम उम्र में बिजनेस शुरू करके अच्छा खास मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में कई बार युवा पढ़ाई किसी और चीज की करते हैं जबकि बिजनेस किसी और चीज का करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ता है।
ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान के रहने वाले डॉक्टर श्रवण यादव (Dr. Shravan Yadav Jaipur) के साथ, जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करके ढेर सारी डिग्रियाँ हासिल की थी। लेकिन जब नौकरी की बारी आई तो उन्होंने आईटी कंपनी में जॉब छोड़कर ऑर्गेनिक खाद बनाने का फैसला किया, जिसकी वजह से उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के विरोध का सामना करना पड़ा था।
PHD धारक ने शुरू की ऑर्गेनिक फॉर्मिंग
राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर सुंदरपुरा नामक एक छोटा-सा गाँव है, जहाँ डॉक्टर श्रवण कुमार (Dr. Shravan Yadav Jaipur) अपने परिवार के सात रहते हैं। डॉक्टर श्रवण कुमार ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जेआरएफ और एसआरएफ जैसी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी की, लेकिन परीक्षा में 11 बार सफल होने के बावजूद भी उन्हें इंटरव्यू पास करने में कामयाबी नहीं मिल पाई। इसे भी पढ़ें – क्या है बर्फ की तरह दिखने वाले इस फल का नाम, जिसकी खेती करके मालामाल हो रहे हैं किसान
ऐसे में श्रवण कुमार ने निराश होने के बजाय पीएचडी करने के फैसला किया, जिसके लिए उन्होंने ऑर्गेनिक फॉर्मिंग का विषय चुना था। पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद श्रवण कुमार को एक मल्टीनेशनल सीड कंपनी में जॉब मिल गई थी, लेकिन कुछ महीने जॉब करने के बाद श्रवण कुमार ने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला लिया।
डॉक्टर श्रवण कुमार ने साल 2020 में 4 लाख रुपए का इंवेस्टमेंट करके वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगा दी, जिसके लिए उन्होंने एक पक्का स्ट्रक्चर तैयार किया था। इस वर्मी कंपोस्ट में 15 बेड लगाए गए थे, जिसमें ऑर्गेनिक तरीके से केंचुआ खाद तैयार की जाती है।
ऐसे में महज 2 साल के अंदर ही डॉक्टर श्रवण कुमार का बिजनेस सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा, जो हर महीने 300 टन ऑर्गेनिक खाद का प्रोडक्शन करते हैं। इससे डॉक्टर श्रवण को हर महीने लगभग 2 लाख रुपए की कमाई हो जाती है, जबकि शुरुआत में वह हर महीने 90 क्विंटल खाद बनाते थे।
परिवार और गाँव के लोगों ने मारे थे ताने
डॉक्टर श्रवण कुमार के लिए ऑर्गेनिक फॉर्मिंग (Organic Farming) का बिजनेस शुरू करना इतना भी आसान नहीं था, क्योंकि इससे पहले उन्हें बहुत से कामों में असफलता मिल चुकी थी। वह 11 बार सरकारी नौकरी के इंटरव्यू में फेल हो गए थे, जबकि उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब भी छोड़ दी थी। ऐसे में जब डॉक्टर श्रवण ने ऑर्गेनिक फॉर्मिंग का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया, तो उन्हें अपने ही परिवार और गाँव के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था।
डॉक्टर श्रवण ने जब साल 2020 में कंपोस्ट खाद की यूनिट लगाई थी, तो गाँव के लोगों ने उनका खूब मजाक उड़ाया था। गाँव वालों का कहा था कि पीएचडी करके भी गोबर में हाथ लगाओगे, गोबर से भला कोई लखपति बनता है। लेकिन डॉक्टर श्रवण कुमार ने लोगों के तानों पर ध्यान नहीं दिया और पूरी मेहनत के साथ अपना काम करते रहे, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने एक साल में ही 5 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली थी।
डॉक्टर श्रवण कुमार के फलते फूलते बिजनेस को देखकर अब सुंदरपुरा गाँव के लोगों की बोलती बंद हो गई है, जबकि गाँव के लोग खुद डॉक्टर श्रवण के पास खाद बनाने के लिए सलाह लेने आते हैं। इसके अलावा डॉक्टर श्रवण के फॉर्म में गाँव के कुछ युवा भी काम करते हैं, जिन्हें रोजगार की तलाश में घर से दूर जाने की जरूरत नहीं है। इसे भी पढ़ें – इन नस्लों की गाय को पालकर साल भर में अमीर बन सकते हैं पशुपालक, रोजाना देती हैं कई लीटर दूध