Subsidy on Solar Pump: आजकल केंद्र सरकार किसानों के हितों के लिए बढ़-चढ़कर काम कर रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार – राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों की सिंचाई की समस्या को हल करने के लिए PM Kusum Yojna के तहत सोलर पंपों पर सब्सिडी दे रही है।
केंद्र सरकार देश भर में लगभग 35 लाख से अधिक किसानों के खेतों में लगे हुए वाटर पंपों को सोलर वाटर पंप में बदलने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इससे किसानों को खेती की लागत कम करने में मदद मिलेगी।
गांव तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में खेती की लिए बिछाई गई बिजली लाइने अक्सर फाल्ट हो जाती हैं। तेज हवा आंधी मैं टूट जाती हैं, जिससे किसानों के सामने बिजली संकट खड़ा हो जाता है, और वे अपनी फसल की सिंचाई समय से नहीं कर पाते, जिससे उनकी फसल का उत्पादन तय मानक के अनुसार नहीं हो पाता है, और उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है। इन्हीं सब परेशानियों से बचने के लिए किसान वैकल्पिक तरीका अपनाकर आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
PM Kusum Yojna के फायदे:
पीएम कुसुम योजना से किसान अपने खेत में सोलर पैनल लगाकर खेत की सिंचाई कर सकता है, जिससे उसके खेत में बिजली से होने वाली सिंचाई का खर्च खत्म हो जाएगा। इस योजना का लाभ लेने वाले किसान 25 वर्षों तक बिना किसी खर्चे के लगातार आमदनी कर सकते हैं। सरकार किसानों को इस योजना के तहत सोलर पंप लगाने के लिए 60 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है।
इस प्रकार के सोलर पैनल को लगाकर किसान अपने पुराने डीजल से चलने वाले पंपों को हटा सकता है। जिससे डीजल पर होने वाले खर्चा बचाने के साथ-साथ वायुमंडल में फैलने वाले प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
भारत में आज भी कई सारे ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर बिजली पहुंचना काफी मुश्किल है ऐसे लोगों को खेत में फसलों की सिंचाई करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। यह योजना ऐसे क्षेत्रों में सबसे अधिक कारगर साबित हो रही है, जिन क्षेत्रों में बिजली पहुंचाना एक बड़ा ही कठिनतम कार्य बना हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में इस योजना के तहत किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।
ऐसे करें लाखों की कमाई:
यदि किसी किसान के पास अनउपजाउ भूमि है, और वह किसी भी प्रकार से खेती के लायक नहीं है, तो ऐसी भूमि पर सोलर संयंत्र लगाकर प्रतिमाह एक अच्छी इनकम की जा सकती है। जानकारों की माने तो 1 मेगा वाट सोलर सिस्टम लगाने के लिए लगभग 4 से 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ती है, जिससे 1 साल में लगभग 10 से 15 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। जिसे बिजली विभाग द्वारा 3.5 रुपए प्रति यूनिट की दर से क्रय कर लिया जाता है, जिससे किसान को हर साल 40 से 45 लाख रुपए कमाने का अवसर मिलता है।