Bihar News : बंदरों को इंसान का पूर्वज माना जाता है, जो बीतते वक्त के साथ जंगलों से बाहर निकले थे और उन्होंने जीवन जीना नया तरीका खोज निकाला था। वहीं आज के समय में इंसान की आबादी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि कई बार उसके क्रियाकलापों की वजह से बंदर या दूसरे जानवरों को चोट पहुँच जाती है।
ऐसे में ज्यादातर जानवर घायल अवस्था में पड़े रहते हैं, जबकि कुछ जड़ी बूटियों का सेवन करने खुद को ठीक कर लेते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बंदर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चोट लगने पर सीधा डॉक्टर के पास पहुँच गया और खुद का इलाज करवाने लगा।
इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुँचा बंदर
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक मादा बंदर को अपने बच्चे के साथ डॉक्टर के क्लीनिक में इलाज करवाते हुए देखा जा सकता है। दरअसल मादा बंदर और उसके बच्चे को चोट लगी हुई थी, ऐसे में वह इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुँच गई। इसे भी पढ़े – 100 साल बाद मिला दुर्लभ प्रजाति का पौधा, जानें क्यों कहलाता है लिपस्टिक प्लांट
यह वीडियो बिहार के सासाराम जिले का बताया जा रहा है, जहाँ शाहजुमा इलाके में स्थित डॉक्टर एसएस अहमद के क्लीनिक में मंगलवार को एक मादा बंदर अपने बच्चे का साथ इलाज के लिए पहुँची थी। मादा बंदर ने अपने बच्चे को सीने से लगा रखा था और वह खून से लथपथ थी।
डॉक्टर ने किया घायल बंदर का इलाज
यह दृश्य देखकर डॉक्टर अहमद को यह समझने में ज्यादा देर नहीं लगी कि बंदर और उसका बच्चा घायल है, लिहाजा उन्होंने मादा बंदर को तुरंत बेंच पर बैठा दिया और उसके घाव को साफ करने लगे। मादा बंद के सिर पर चोट लगी थी, जबकि उसके बच्चे का पैर घायल था।
इसके बाद डॉक्टर अहमद ने मादा बंदर और उसके बच्चे के घावों को साफ किया और उसमें मलहम पट्टी लगा दी, जिसके बाद उन्होंने बंदर को टिटनेस का इंजेक्शन भी लगाया था। इसके बाद डॉक्टर ने क्लीनिक में जमा हुई भीड़ को साइड किया और फिर मादा बंदर अपने बच्चे को लेकर वहाँ से चली गई।
सासाराम में जब एक बंदर अपने बच्चे के साथ खुद का इलाज़ करवाने पहुंचा निजी अस्पताल। इलाज़ करने वाले डॉक्टर एस एम अहमद खुद को सौभाग्यशाली समझ रहे है की हनुमान जी खुद चलकर इनके पास पहुंचे pic.twitter.com/0NPrAtV6NU
— rajeshkumarojha (@rajeshrepoter) June 8, 2022
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गया, जिसे सैकेड़ों लोगों ने लाइक और शेयर किया है। सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट करते हुए इस घटना का चमत्कारी बताया, तो किसी ने कहा कि डॉक्टर खुशकिस्मत है कि खुद हनुमान जी उनके पास इलाज के लिए आए थे।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं जब बंदर घायल होने पर इलाज के लिए अस्पताल पहुँचा था, बल्कि पिछले साल कर्नाटक के एक अस्पताल से भी इसी तरह की तस्वीर सामने आई थी। दरअसल पिछले साल एक लंगूर घायल होने के बाद पाटिल अस्पताल के दरवाजे पर खड़ा था, जब डॉक्टर की नजर लंगूर पर पड़ी तो उन्होंने तुरंत उसके घाव को साफ करके उस दवा लगा दी थी।
इस तरह की घटनाएँ बताती हैं कि भले ही आज का बंदर मनुष्य के रूप में परिवर्तित नहीं हो सकता है, लेकिन उसकी बुद्धि सभी जीवों के मुकाबले सबसे तेज है। तभी तो घायल होने की अवस्था में बंदर और लंगूर यह जानते हैं कि उन्हें अस्पताल जाना है, जहाँ डॉक्टर उनके घाव पर मलहम पट्टी कर सकते हैं। इसे भी पढ़े – बिहार की महिला का सफल प्रयोग, PVC पाइप में उगा ली 5 किलो सब्जी