China Makes Artificial Sun : भारत का पड़ोसी देश चीन (China) असली ब्रांड का नकली सामान तैयार करने के लिए जाना जाता है, जहां आपको दुनिया भर में मशहूर लग्जरी प्रोडक्ट्स की सस्ती कॉपी देखने को मिल जाएगी। ऐसे में चीन ने अपने नकलची हुनर को दिखाते हुए असली सूर्य की कॉपी भी तैयार कर ली है, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।
चीन की कंपनी का दावा है कि उनके द्वारा बनाया गया कृत्रिम सूरज असली सूर्य (Artificial Sun) के मुकाबले 5 गुना तक ज्यादा गर्म और चमकदार है, जिसकी रोशनी से न सिर्फ लाइट्स की कमी को पूरा किया जा सकता है बल्कि इससे अतिरिक्त ऊर्जा भी बनाई जाएगी।
17 मिनट तक जलता रहा Artificial Sun
हमारे सौर मंडल के केंद्र में मौजूद असली सूर्य हर वक्त गर्म रहता है, लेकिन चीन की नामी कंपनियों और वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया कृत्रिम सूर्य (Artificial Sun) एक निश्चित गर्म तापमान तक पहुंचने में कुछ सेकंड्स का समय लगाता है।
चीन के वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग के दौरान कृत्रिम सूर्य (Artificial Sun) को जलाया था, जो लगभग 17 मिनट और 36 सेकंड तक जलने में कामयाब रहा था। इस दौरान उस नकली सूर्य का तापमान तकरीबन 70 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो असली सूर्य के तापमान से 5 गुना ज्यादा गर्म है।
परमाणु मशीनों के लिए बनाया गया है नकली सूर्य
चीन द्वारा इस नकली सूरज (China fake sun) को बनाए जाने का मुख्य मकसद परमाणु संलयन और न्यूक्लियर एक्सपेरिमेंट की प्रक्रिया को जारी रखना है, जिसके लिए बहुत ज्यादा मात्रा में ऊर्जा खर्च होती है। ऐसे में इस नकली सूर्य की मदद से जनरेट होने वाली ऊर्जा को न्यूक्लियर के शक्तिशाली डिवाइस और मशीनों को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
इतना ही नहीं यह कृत्रिम सूर्य दिन के अलावा रात को भी चमकता रहेगा, जिसकी वजह से चीन के लोगों को रोशनी के लिए सिर्फ बिजली पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। यह चमकदार सूर्य चीन के आसमान में लगाया जाएगा, जो दिन के अलावा रात में भी रोशनी देगा।
साल 2040 तक उत्पन्न करेगा बिजली
हालांकि अभी तक इस कृत्रिम सूर्य को लेकर चीन के वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं, जिसके तहत इससे निर्मित होने वाली ऊर्जा से साल 2040 तक बिजली पैदा करने की उम्मीद जताई जा रही है। यह नकली सूर्य 70 मिलियन डिग्री तक का गर्म तापमान जनरेट करता है, जबकि असली सूर्य का तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।
इस कृत्रिम सूर्य (Artificial Sun) को बनाने के लिए 10 हजार से ज्यादा चीनी और विदेशी कंपनियों ने एक साथ मिलकर दिन रात काम किया है, जिसकी वजह से इस नकली सूर्य के निर्माण को लेकर सभी को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन साल 2040 तक कृत्रिम सूर्य (Artificial Sun) से बिजली प्राप्त करने में कामयाब हो पाता है या नहीं।
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