आजकल किसान भाई खेती में बहुत तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनकी इन परेशानियों को देखते हुए सरकार भी उनकी काफ़ी मदद कर रही है। जिससे किसान खेती के पुराने तरीकों के साथ नई तकनीकें भी अपना रहे हैं।
बांस जिसे हरा सोना कहते हैं, उसकी खेती से वे बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि बांस की खेती करने से अनुपजाऊ भूमि भी उपजाऊ बन जाती है इसलिए जैसे-जैसे लोग जागरूक हो रहे हैं वैसे-वैसे वे बांस की कृषि से फायदा उठा रहे हैं।
बहुत-सी खूबियाँ हैं बांस के पौधे की
इस पौधे की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे एक बार उगाने के बाद 30 साल तक कटाई की जा सकती है। इससे लंबे समय तक लाभ प्राप्त किया जा सकता है अतः इस पौधे को ‘दीर्घकालिक निवेश‘ भी कहते हैं। एक हैक्टेयर भूमि में बांस के 400 पौधे लगाए जा सकते हैं और उसका ख़र्चा भी ज़्यादा नहीं आता, केवल 5000 रुपए की ही ज़रूरत होती है।
बांस के पौधे को सींचने के लिए अधिक पानी की भी ज़रूरत नहीं पड़ती। अपने खेत के चारों तरफ़ बांस उगा देने पर खेत में उगी दूसरी फसलों की भी मवेशियों से सुरक्षा हो जाती है। उबड़ खाबड़ भूमि पर भी ये लगाया जा सकता है। बांस का पौधा हमारे पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह हानिकारक गैसों का अवशोषण कर लेता है।
ऐसा किसान जिसने बांस की खेती से करोड़ों रुपए कमाए
महाराष्ट्र के राज शेखर पाटिल एक ऐसे किसान हैं जिन्होंने केवल बांस की खेती करके करोड़ों रुपए की कमाई की। वे ओसमनाबाद स्थित निपानी गाँव में रहकर कृषिकार्य करते हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने खेत की बाउंड्री पर करीब चालीस हज़ार बांस के पेड़ उगाए, जिससे दस लाख बांस का उत्पादन हुआ। फिर उन्होंने बांस बेचना शुरू किया तो प्रथम वर्ष में ही उनके एक लाख रुपए के बांस बिक गए। फिर उन बांसो से दो सालों बाद उन्हें करीब 20 लाख रूपयों का फायदा मिला।
तत्पश्चात राज शेखर को अहसास हुआ कि बांस की खेती काफ़ी लाभदायक है। फिर उन्होंने उनकी 30 एकड़ की भूमि के चारों ओर भी बांस उगा दिए, इस प्रकार से धीरे-धीरे बांस की खेती ने उनकी कायापलट कर दी और आज वे करोड़ों रुपयों के मालिक हैं। इसके साथ ही उन्होंने कृषि कार्य के लिए 54 एकड़ भूमि भी क्रय कर ली है।
कब होती है रोपाई
इस पौधे को जुलाई-अगस्त के माह में लगाया जाता है। केवल दो माह में ही यह पूरी तरह से विकसित हो जाता है परन्तु फिर भी इसे जिस वस्तु के लिए प्रयोग में लाना है, उसी के अनुरूप इसकी कटाई की जाती है। ज़्यादा पुराना बांस अधिक मज़बूत होता है।
सरकार दे रही है सब्सिडी सहायता
बांस की खेती के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सहायता भी प्रदान कर रही है। जिसके तहत किसानों को और बांस की खेती करने के इच्छुक लोगों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा गरीब किसानों को बांस की खेती करने पर प्रति पौधा 120 रुपए मिलेंगे और पौधे भी वन विभाग ही प्रदान करवा देगा।