Homeन्यूज़11 साल पहले उधार खाई थी मूंगफली, अब भाई-बहन ने अमेरिका से...

11 साल पहले उधार खाई थी मूंगफली, अब भाई-बहन ने अमेरिका से आकर चुकाया कर्ज, ऐसे ढूँढा मूंगफली वाले का पता

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

‘उधार मांग कर शर्मिदा न करें’ आपने अक्सर दुकान या रेस्टोरेंट पर यह लाइन जरूर पढ़ी होगी, जिससे साफ जाहिर होता है कि उस जगह पर उधारी का कोई सिस्टम नहीं है। यूं तो कोई भी इंसान उधार नहीं लेना चाहता है, लेकिन अक्सर मुश्किल समय उसे दोस्त या रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ता है।

ऐसे में आज हम आपको उधारी से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक व्यक्ति उधार लेने के बाद भूल गया था। हालांकि 11 साल बाद जब उसे उधारी याद आई, तो उसने अनोखे अंदाज में उधार को चुका दिया।

Peanut-seller-Sattaya

मूंगफली वाले से लिया था उधार

आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले मोहन एक NRI थे, जो साल 2010 में अपने बेटे नेमानी प्रणव और बेटी सुचिता के साथ U Kothapalli Beach पर घूमने के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने सत्तैया नामक एक मूंगफली वाले से बच्चों के लिए मूंगफली खरीदी, जिसे प्रणव और सुचिता ने तुरंत खाना शुरू कर दिया था।

लेकिन जब मोहन ने मूंगफली के पैसे देने के लिए अपनी पैकेट में हाथ डाला, तो उन्हें एहसास हुआ कि वह अपना पर्स घर पर ही भूल आए हैं। ऐसे में उनके पास सत्तैया मूंगफली वाले देने के लिए पैसे ही नहीं थे, हालांकि सत्तैया दरिया दिल निकले और उन्होंने मोहन की स्थिति को समझते हुए उन्हें फ्री में ही मूंगफली दे दी।

साल 2010 में डिजीटल पेमेंट का चलन नहीं था, ऐसे में मोहन ने सत्तैया से वादा किया कि उनके ऊपर मूंगफली के पैसे उधार रहे और वह जल्दी ही उसके पैसे लौटा देंगे। इतना बोलकर मोहन ने सत्तैया के एक तस्वीर खिंचवाई और बच्चों के साथ अपने घर लौट गए।

Brother-and-sister-paid-a-debt-of-peanut

11 साल बाद याद आया उधार

मोहन ने सत्तैया से पैसे लौटने का वादा तो कर दिया था, लेकिन वह छोटी-सी रकम उनके दिमाग से निकल गई। ऐसे में मोहन मूंगफली के पैसे लौटाए बिना ही अपने परिवार के साथ वापस अमेरिका चले गए और देखते ही देखते 11 साल बीत गए।

ऐसे में 11 साल बाद जब मोहन के दोनों बच्चे प्रणव और सुचिता वापस भारत लौटे, तो उन्हें मूंगफली वाले से लिया उधार याद आ गया। ऐसे में 2010 में उधार ली हुई मूंगफली के पैसे लौटाने के लिए प्रणव और सुचिता ने 2021 में सुत्तैया मूंगफली वाले की तलाश शुरू कर दी।

हालांकि इतने बड़े शहर में एक मूंगफली वाले को ढूँढना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन प्रणव और सुचिता किसी भी हालात में मूंगफली वाले उधार चुकाने वाले थे। लिहाजा उन्होंने सुत्तैया को ढूँढने के लिए काकीनाडा शहर के विधायक चंद्रशेखर रेड्डी की मदद ली।

विधायक चंद्रशेखर रेड्डी ने मोहन और उसके बच्चों के कहने पर फेसबुक पर सत्तैया का तस्वीर शेयर की, जो 11 साल पहले क्लिक की गई थी। सोशल मीडिया की ताकत ने जोर दिया और चंद्रशेखर रेड्डी की पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई, जिसकी बदौलत सत्तैया के घर का पता मिल गया था।

Peanut-seller-Sattaya-1

दुनिया को अलविदा कह गए सत्तैया

सत्तैया के गाँव का पता मिलने के बाद मोहन और उनके बच्चे तुरंत नगुलापल्ली के लिए रवाना हो गए, जो सत्तैया का पैतृक गाँव है। लेकिन वहाँ पहुँच कर उन्हें पता चला कि सत्तैया कुछ साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, हालांकि प्रणव और सुचिता ने इसके बावजूद भी सत्तैया का उधारा चुकाया।

उन्होंने सत्तैया के परिवार को पूरी बात बताई और उधार ली मूंगफली के पैसे लौटते हुए उन्हें 25 हजार रुपए की धनराशि थमा दी। इस तरह मोहन के दोनों बच्चों ने 11 साल बाद अपने पिता का उधार चुकाया, जो उन्होंने एक मूंगफली वाले से लिया था।

यह भी पढ़ें
Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

Most Popular