“कामयाब बनें, सफ़लता आपके क़दमों को चूमेगी” इन पंक्तियों को सही साबित किया है प्रमिला नेहरा (Pramila Nehra) ने। प्रमिला ने शादी के बाद भी 5 सालों के भीतर 1-2 नहीं बल्कि 9-9 सरकारी नौकरियों में सफलता पाई। प्रमिला अभी भी परीक्षा की तैयारियों में जुटी हैं। आइए जानते हैं उनके सफलता की इस कहानी को…
प्रमिला नेहरा (Pramila Nehra) सीकर जिले के सीहोट गाँव की रहने वाली हैं। वैसे सरकारी नौकरी की अगर बात की जाए तो किसी के लिए एक सरकारी नौकरी को भी पाना काफ़ी कठिन होता है लेकिन आपको बता दें तो प्रमिला एक ऐसी लड़की हैं जो सिर्फ़ 5 साल के अंदर 9-9 सरकारी नौकरियों को प्राप्त की।
प्रमिला ने सबसे पहले 2015 में तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में राज्य भर में 28वीं रैंक प्राप्त की, तो वही 2017 में आरपीएससी की सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रमिला ने राज्य भर में 22वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की। बात अगर 2018 की जाए तो प्रमिला राज्य लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से आयोजित स्कूली व्याख्याता भर्ती परीक्षा में फिर सफल हुईं और राज्य भर में 9वीं रैंक प्राप्त की।
इसके बाद राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा, पटवार भर्ती परीक्षा, ग्राम सेवक भर्ती परीक्षा, एसएससी जीडी, राजस्थान उच्च न्यायालय लिपिक भर्ती व आरपीएससी लिपिक भर्ती, महिला व बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा व सीटेट में भी सफलता का परचम लहराया।
संसाधनों की कमी के बावजूद प्रमिला लगातार सफलता के पथ पर रही
प्रमिला नेहरा का जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था। वहाँ उन्हें किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती थी। क्योंकि इनके पिता राजकुमार नेहरा एक किसान है तो वहीं की माँ मनकोरी देवी एक गृहणी है। संसाधनों की कमी के बावजूद भी प्रमिला अपने लगन और मेहनत से लगातार सफलता के पथ पर रही। इनके सफलता के इस राह में सबसे ख़ास बात यह है कि इन्होंने जो भी परीक्षाएँ पास की हैं वह शादी के बाद की हैं।
वैसे तो लड़कियाँ शादी के बाद कई सारी जिम्मेदारियों में उलझ कर रह जाती हैं और अपने करियर पर फोकस नहीं कर पाती। वहीं दूसरी ओर प्रमिला शादी के बाद भी अपनी सारी जिम्मेदारियों को निभाते हुए सफलता हासिल की। प्रमिला के इस सफ़र में उनके परिवार का भी काफ़ी सहयोग रहा। प्रमिला के पति राजेंद्र रणवां जो बोदलासी के निवासी हैं और दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। शादी के बाद प्रमिला के पति और सास-ससुर का इन्हें भरपूर सहयोग मिला। प्रमिला के भाई महेश नेहरा जो राजस्थान पुलिस में कार्यरत हैं, उन्होंने प्रमिला का बेहतर ढंग से मार्गदर्शन किया।
हर रोज़ 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर बस पकड़ना पड़ता था…
प्रमिला ने बताया की तैयारी के दौरान अपने गाँव से हर रोज़ 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर बस पकड़ना पड़ता था और इसी रूटीन को हर रोज़ आने जाने में फॉलो करना पड़ता था। लेकिन लगातार प्रमीला अपना हिम्मत बनाए रखी। अंततः उन्हें सफलता भी मिली। फिलहाल प्रमिला राज्य प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुटी है उनका सपना है इस परीक्षा में हाईएस्ट रैंक पाने का। इस परीक्षा में उन्होंने प्री क्लियर भी कर लिया है और अब मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटी हैं। प्रमिला का सपना है कि वह राज्य प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से समाज की सेवा करें। प्रमिला ने अंग्रेज़ी विषय में पीजी की डिग्री हासिल की है, जिसमें उन्होंने काफ़ी अच्छे अंको से उत्तीर्ण किया है।
सोशल मीडिया को ख़ुद से दूर रखा
प्रमिला ने अपने परीक्षा की तैयारी के दौरान पूरी तरह से सोशल मीडिया को ख़ुद से दूर रखा। उन्होंने अपने फ़ोन से व्हाट्सएप को भी अनइनस्टॉल कर दिया था ताकि उनका टाइम वेस्ट ना हो। सिर्फ़ घरवालों के साथ बातचीत करने के लिए वह एक कीपैड वाले फ़ोन का इस्तेमाल करती थी। वह तैयारी के लिए फ़ोन के बदले सिर्फ़ किताबों से जुड़ी रहीं। प्रमिला ने कहा कि उनके इस सफलता में उनके शिक्षक जीत सर का भी काफ़ी योगदान रहा। प्रमिला ने दिखा दिया कि चाहे आपके ऊपर लाख जिम्मेदारियाँ हो अगर आप चाहे तो सफलता हासिल कर सकते।