भारतीय घरों में रोजाना कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं, जिसके लिए गैस सिलेंडर का होना बेहद जरूरी होता है। अब तो गाँव और कस्बों में भी उज्ज्वला योजना के तहत फ्री एलपीजी सिलेंडर मुहैया करवाए जाते हैं, ताकि महिलाओं के लिए खाना पकाना आसा हो।
ऐसे में हर घर में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर को लेकर आम लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है, जिसकी वजह से वह अपने अधिकारों का लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए आज हम आपको एलपीजी सिलेंडर से जुड़े एक ऐसे नियम और अधिकार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका जिक्र गैस एजेंसी या डीलर कभी नहीं करते हैं।
एलपीजी इंश्योरेंस पॉलिसी
आपको शायद पता नहीं होगा, लेकिन एलपीजी सिलेंडर का कनेक्शन लेते वक्त ग्राहक को एलपीजी इंश्योरेंस कवर दिया जाता है। इस इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत अगर सिलेंडर में ब्लास्ट हो जाता है, तो ग्राहक को 40 लाख रुपए तक का एक्सीडेंटल बीमा मिलता है।
वहीं अगर इस विस्फोट में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य इस इंश्योरेंस के तहत 50 लाख रुपए तक का क्लेम कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस इंश्योरेंस को क्लेम करने के लिए ग्राहक को कोई प्रीमियम नहीं भरना होता है, इसलिए एलपीजी कनेक्शन लेते वक्त सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
कंपनी देती है इंश्योरेंस की पूरी रकम
एलपीजी सिलेंडर का कनेक्शन लेते वक्त एजेंसी या डीलर ग्राहक को इस इंश्योरेंस के बारे में ज्यादा कोई जानकारी नहीं देता है, जिसकी वजह से आम नागरिक अपने इस अधिकार से वंचित रह जाते हैं। इस इंश्योरेंस के तहत उस व्यक्ति को क्लेम की राशि दी जाती है, जिसके नाम पर एलपीजी सिलेंडर खरीदा गया है।
लेकिन अगर सिलेंडर फटने की स्थिति में उसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो पॉलिसी का नॉमिनी इंश्योरेंस के पैसों के लिए क्लेम कर सकता है। आपको बता दें कि कंपनी इंश्योरेंस के पैसे तभी देती है, जबकि एलपीजी सिलेंडर के साथ चूल्हे और रेगुलेटर पर ISI मार्क बना होता है।
ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के घर पर इस्तेमाल होने वाले चूल्हे और रेगुलेटर पर ISI मार्क नहीं बना होता है, तो उसे इंश्योरेंस की रकम नहीं मिलती है। लेकिन अगर सिलेंडर के साथ चूल्हे और रेगुलेटर पर ISI मार्क होने के बावजूद भी विस्फोट हो जाता है, तो उस स्थिति में इंडियन ऑयल के अंतर्गत आने वाली कंपनियाँ इंश्योरेंस के रकम की भरपाई करती हैं।
कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम?
इंडियन ऑयल कंपनी के नियमों के अनुसार अगर किसी एलपीजी सिलेंडर में विस्फोट होता है, तो उस स्थिति में ग्राहक को दुर्घटना के 30 दिन के अंदर गैस ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचना देना अनिवार्य होता है।
इसके साथ ही ग्राहक को पुलिस स्टेशन में दुर्घटना की एफआईआर लिखवा कर उसकी कॉपी लेना जरूरी है, क्योंकि इंश्योरेंस क्लेम करते वक्त एफआईआर की कॉपी लगाई जाती है। एलपीजी इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए मेडिकल रसीद, अस्पताल का बिल और डेथ सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेजों की भी जरूरत होती है।
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