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IRCTC का नया नियम, अब पर्सनल आईडी से बनाया दूसरों का टिकट तो खैर नहीं, हो सकती है 3 साल की जेल

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IRCTC New Rule – भारत में आमतौर ट्रेन की ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए लोग अपनी पर्सनल आईडी का इस्तेमाल करते हैं, जिसके तहत वह अपने दोस्तों और दूर के रिश्तेदारों की टिकट आसानी से बुक कर लेते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा ही करते हैं, तो सावधान हो जाइए।

क्योंकि अब अपनी पर्सनल आईडी पर दूसरों के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करवाना गैर कानूनी हो गया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके रुपए 10 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है या फिर उसे 3 साल के लिए जेल की सजा भी हो सकती है।

दूसरों के लिए न करें पर्सनल आईडी का इस्तेमाल

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) देश के नागरिकों को ऑनलाइन टिकट बुक करने की सुविधा देता है, जिसका फायदा उठाते हुए लोग अपनी पर्सनल आईडी पर दूसरों के लिए ट्रेन की टिकट बुक कर देते हैं। ऐसे में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) नियम का उल्लंघन करने के जुर्म में आपके ऊपर जांच कार्यवाही कर सकती है।

दरअसल आईआरसीटीसी के नियमों के तहत व्यक्ति अपनी पर्सनल आईडी पर अपनी व अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर ऑनलाइन टिकट बुक कर सकता है, लेकिन अगर आप अपनी आईडी पर किसी दोस्त या जान पहचान वाले व्यक्ति की टिकट बुक करते हैं तो यह कानून अपराध है।

ऐसे में मध्य प्रदेश के भोपाल और जबलपुर समेत कई शहरों में पर्सनल आईडी पर टिकट बुक करने वाले लोगों पर कार्यवाही की जा रही है, जिसके लिए आरपीएफ के अधिकारी ऑपरेशन उपलब्ध चला रहे हैं।

ऐसे में आरपीएफ उन लोगों की तलाश कर रही है, जो अपनी पर्सनल आईडी पर दूसरों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं। इस मामले में जबलपुर रेल मंडल ने 90 से ज्यादा लोगों को दोषी पाया है, जिसने फिलहाल पूछताछ की जा रही है। इसके लिए आरपीएफ निजी सॉफ्टवेयर डेटा की मदद ले रही है, जिससे टिकट बुक करने वाले लोगों की पोल खुल गई है।

टिकट खरीद पर हो रहा है फर्जीवाड़ा

गांव से लेकर शहरों में ट्रेन की ऑनलाइट टिकट बुक करने के लिए एजेंट्स दुकान खोलकर बैठे होते हैं, जो कई बार फर्जी आईडी का इस्तेमाल करके कमर्शियल टिकट बना देते हैं। इसके बदले एजेंट ग्राहक से टिकट के दाम से दोगुना ज्यादा पैसे वसूल करता है, जिससे ऑनलाइन टिकट बुकिंग का फर्जीवाड़ा बढ़ रहा है।

ऐसे में रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत आरक्षित टिकट को अनधिकृत रूप से खरीदना या बेचना अपराध के श्रेणी में आता है, जिसके तहत फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्ति पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना और 3 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।

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News Desk
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तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

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