संघर्ष और मेहनत से अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, अक्सर कहा जाता है जहाँ चाह वहाँ राह। आज हम लेकर आये हैं ऐसी ही एक संघर्ष की सच्ची कहानी, सफलता कि सच्ची कहानी।
आज हम बात कर रहे हैं हिमांचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी में रहने वाली मुस्कान जिंदल की, बता दें कि मुस्कान 22 वर्ष की हैं और उन्होंने ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा में उत्तीर्ण कर पूरे देश भर में 87वीं रैंक हासिल करके टॉप 100 में अपनी जगह बनाई।
12वीं में हासिल किए 96.4 प्रतिशत अंक
मुस्कान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बद्दी के एक निजी स्कूल में प्राप्त की, इंटर की परीक्षा में इन्होंने 96.4 % अंक के साथ उत्तीर्ण करके अपने स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इसके आगे की शिक्षा इन्होंने चंडीगढ़ स्थित एसडी कॉलेज से किया, इसी के साथ मुस्कान ने सिविल सर्विस की तैयारी भी जारी रखी। मुस्कान ने इसके लिए कड़ी मेहनत की, वे दिन में 6-7 घंटे की पढ़ाई किया करती थी। मुस्कान का मानना है कि दृढ संकल्प द्वारा कोई भी मंज़िल हासिल की जा सकती है।
पिता कि है हार्डवेयर की दुकान
मुस्कान के पिता पवन जिंदल एक व्यवसायी हैं उनकी एक हार्डवेयर की दुकान है। इसकी माँ ज्योति जिंदल एक गृहणी हैं। मुस्कान के माता-पिता बताते हैं कि मुस्कान का बचपन से सपना आईएएस अफसर बनने का था, मुस्कान शुरू से ही काफ़ी मेहनती हैं। लाखों लोगों की इस परीक्षा में अपनी अलग पहचान बनाने वाली मुस्कान ने आपकी सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और परिवार वालों को दिया।
मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई
हिमांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी बद्दी में रहने वाली मुस्कान जिंदल को इतनी कम उम्र में देश की सर्वोच्च परीक्षा उत्तीर्ण करने और आईएएस अधिकारी बनने की बधाई दी। मुख्यमंत्री जी ने ट्वीट करके लिखा कि, “हिमांचल की बेटियाँ किसी से कम नहीं, प्रदेश के लिए यह बहुत गर्व की बात है“।