दिल्ली में लागू की गई स्क्रैपीज पॉलिसी (Scrappage Policy) से अब Delhi-NCR में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल की कारें बैन हो गई है लेकिन इसके बावजूद भी यह कारें दिल्ली और दिल्ली के आस-पास के इलाकों में धड़ल्ले से बिक रही हैं। खासतौर से सेकंड हैंड कारों का बाज़ार काफी बड़ा है।
ऐसे में लोग इनकी खरीदारी भी कर रहे हैं। अगर आपके दिमाग में भी सवाल है कि आखिर इन बैन हुई कारों को खरीदकर लोग चला सकते हैं या नहीं तो इस लेख में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।
डीलर्स से मिल रही है NOC
पुरानी कारों को जो लोग खरीद रहे हैं। इन पर डीलर्स के द्वारा NOC दी जा रही है कहा जा रहा है इन गाड़ियों को ग्राहक खरीद कर दूसरे स्टेट में ट्रांसफर करवा लेते हैं। जिसकी वजह से 5 साल और इन गाड़ियों की समय सीमा बढ़ जाती है। ऐसे में सवाल आता है कि क्या यह करना लीगल है या इसको इलीगल तरीके से किया जा रहा है।
सबसे पहले जान लेते हैं कि कैसे डीलर्स के द्वारा NOC दी जा रही है दरअसल, कुछ ऐसे राज्य हैं जहाँ दिल्ली में जो कार 10 साल के बाद चलना बंद हो जाती है। वह इन राज्यों में चल सकती है जैसे राजस्थान और मध्यप्रदेश में इन कारों को 15 साल तक चलाया जा सकता है।
ऐसे में इन कारों को वहाँ पर ट्रांसफर कर दिया जाता है साथ ही RTO के द्वारा NOC भी जारी कर दी जाती है। इन कारों को भले ही दिल्ली में नहीं चलाया जा सकता लेकिन दूसरे राज्यों में चलाया जा सकता है।
इस तरह चला सकते हैं पुरानी कार
अगर आप Delhi-NCR या आस-पास के इलाकों से कोई कार खरीदते हैं तो आप उसको अपने स्टेट में ले जाकर उसका रजिस्ट्रेशन नंबर चेंज करवाकर उसे 15 साल तक चला सकते हैं यानी 10 साल दिल्ली में गाड़ी चल चुकी होती है तो 5 साल आपके पास चलने के लिए रहती है हालांकि, आपको इसके लिए फिटनेस सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। जब आप इस गाड़ी से दिल्ली आएंगे तो आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है साथ ही आपकी कार भी जब्त हो सकती है।