R Praggnanandhaa: भारत में शतरंज (Chess) एक बहुत ही प्रसिद्ध खेल है, जिसे छोटे बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग वर्ग के व्यक्ति खेलना पसंद करते हैं। यह वजह है कि शतरंज राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी पसंदीदा खेल माना जाता है, जिसके लिए हर सार टूर्नामेंट्स का भी आयोजन किया जाता है।
हाल ही में एक 16 साल के बच्चे या यूं कहे कि शतरंज खिलाड़ी आर प्रगाननंदा (Rameshbabu Praggnanandhaa) ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स में वर्ल्ड चैम्पियन मैग्नस कार्लसन (World Chapmion Magnus Carlsen) को हराने का कारनामा कर दिखाया है, जिसकी वजह से वह रातों रात स्टार बन गए हैं।
कौन हैं आर प्रगाननंदा? (Who is R Praggnanandhaa)
चेन्नई (Chennai) में रहने वाले आर प्रगाननंदा (R Praggnanandhaa) ने महज 3 साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था, जबकि उनकी उम्र के बच्चे खेल कूद में समय व्यतीत करते थे। आर प्रगाननंदा की रूचि शतरंज में इसलिए बढ़ी, क्योंकि उनकी बड़ी बहन वैशाली शतरंज खेलती थी और घरवालों से इस विषय में बातचीत करती रहती थी।
दरअसल जब वैशाली 6 साल की थी, वह अपना ज्यादातर समय टीवी पर कार्टून देखते हुए बीता देती थी। ऐसे में उनके माता पिता चाहते थे कि वह टीवी से दूर रहे और जीवन में कुछ अच्छा सीखे, लिहाजा उन्होंने वैशाली का एडमिशन शतरंज और ड्राइंग क्लास में करवा दिया था।
यहीं से वैशाली ने शतरंज की चाल चलना शुरू किया, जिन्हें देखकर प्रगाननंदा की रूचि भी शतरंज में बढ़ने लगी और उन्होंने इस खेल में महारत हासिल कर ली। आपको बता दें कि प्रगाननंदा के पिता रमेशबाबू पोलियो ग्रस्त हैं और एक बैंक में काम करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को हमेशा अच्छा मार्गदर्शन किया।
वर्ल्ड चैम्पियन को हराकर रचा इतिहास (Youngest Indian chess grandmaster)
आर प्रगाननंदा (R Praggnanandhaa) ने 16 साल की उम्र में ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने आठवें राउंड के खेल में नॉर्वे के वर्ल्ड चैम्पियन मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) नामक खिलाड़ी को शतरंज में हरा दिया था। अपने इस हुनर की वजह से प्रगाननंदा रातों रात स्टार बन गए, जिन्हें शतरंज के खेल में इतिहास रच दिया है।
इस कारनामे के साथ ही प्रगाननंदा का नाम उन तीन भारतीय खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को शतरंज में हराने की उपलब्धि हासिल की है। प्रगाननंदा से पहले विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्ण भी शतरंज टूर्नामेंट में वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को हरा चुके हैं।
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब प्रगाननंदा ने शतरंज के खेल में जीत हासिल की है। बल्कि उन्होंने ऐसा कारनाम साल 2018 में भी किया था, जब उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित शतरंज टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर जीत हासिल की थी।
ऐसे में वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को शतरंज के खेल में हराने के बाद आर प्रगाननंदा को ग्रैंडमास्टर खिताब (Indian young Chess Master Praggnanandhaa) से नवाजा गया है। इसके साथ ही वह भारत के सबसे कम उम्र वाले शतरंज चैंपियन बन चुके हैं, जबकि दुनिया भर में वह सबसे कम उम्र वाले खिलाड़ी की लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं।
आर प्रगाननंदा (R Praggnanandhaa) ने अपने खेल के जरिए न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि देश का गर्व भी बढ़ाया है। इसके साथ ही वह ग्रैंडमास्टर की सूची में सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी के रूप में पांचवें पायदान पर मौजूद हैं, जो हर भारतीय के लिए बेहद गर्व की बात है।
क्रिकेट खेलने के शौकीन हैं प्रगाननंदा
ऐसा नहीं है कि आर प्रगाननंदा (R Praggnanandhaa) अपना पूरा समय सिर्फ शतरंज (Chess) खेलने में ही बीता देते थे, बल्कि उन्हें क्रिकेट खेलने का बहुत ज्यादा शौक है। ऐसे में जब उन्हें पढ़ाई और शतरंज की क्लास से समय मिलता है, वह तुरंत क्रिकेट मैच खेलने के लिए मैदान की तरफ दौड़ लगा देते हैं।
प्रगाननंदा का कहना है कि क्रिकेट देखकर और खेलकर उन्हें रिलेक्स महूसस होता है, जबकि दिमाग को नई ऊर्जा प्राप्त होती है। ऐसे में जब प्रगाननंदा शतरंज टूनार्मेंट में हिस्सा ले चुके थे, तो उन्होंने खुद को रिलेक्स करने के लिए भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए आखिरी टी20 मैच देखा था।
उस मैच में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत हासिल की थी, जिसके बाद आर प्रगाननंदा (R Praggnanandhaa) ने भी शतरंज के खेल में वर्ल्ड चैंपियन को हराने का इरादा पक्का कर लिया था। क्रिकेट मैच देखकर प्रगाननंदा शतरंज का खेल खेलने गए थे, जिसमें उन्होंने अपनी चाल से जीत हासिल करके इतिहास रच दिया।