दोस्तों, जब भी कभी हम फुर्सत में बैठे होते हैं, तो कई बार हमारा ध्यान आस-पास की बहुत-सी चीजों में चला जाता है। कई बार तो कुछ साधारण-सी चीज़ें या घटनाएँ देखकर भी दिमाग़ में बहुत से प्रश्न घूमने लगते हैं। हालांकि यह प्रश्न ज़्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं होते हैं, पर मन में आते ज़रूर हैं। जैसे मान लीजिए किसी पत्ते पर ही नज़र चली गयी, तो सोचेंगे, इस पत्ते पर ऐसी ही धारियाँ ही क्यों बनी है? या फिर सोचेंगे, इन मकड़ों को हम इंसान कैसे दिखते होंगे? इत्यादि बहुत से बे-सिरपैर के सवाल अक्सर मन में आ जाते हैं।
पर कई बार उनमें से कुछ सवाल काम के भी निकल जाते हैं, जिनसे हमें बड़ी जानकारी या सीख मिल जाती है। आपने सुना ही होगा कि जब भी कोई खाली बैठा होता है तो उसे कहा जाता है ‘मक्खियाँ मार रहे हो’ ! मुहावरे तक तो ठीक है पर असल में मक्खियाँ मारना सरल नहीं है। अगर कभी आप ने मक्खियों को ग़ौर से देखा होगा तो आपने उनके बारे में एक बात नोटिस की होगी कि मक्खियाँ बैठकर अपने ‘हाथ’ मलती रहती हैं?
आखिर क्यों हाथ मलती हैं मक्खियाँ?
Animals नामक वेबसाइट के एक लेख के अनुसार हम इंसान इन मक्खियों को चाहे घिनौना ही क्यों न समझें, परंतु सच तो यह है कि ये मक्खियाँ अपनी ‘साफ़-सफ़ाई’ का पर विशेष ध्यान देती हैं। आपको हमारी यह बात सुनकर हैरानी तो ज़रूर हुई होगी, पर यह वास्तविकता है।
मक्खियाँ, जो कि 6 पैरों वाला (6-Legged) प्राणी होता है, तथा एक मक्खी की बहुत-सी Growth Stages होने के साथ ही अनेक Adult मक्खियों का तो एक ही पंख का जोड़ा होता है। आपको अधिकतर मक्खियाँ एक जैसी ही दिखेंगी, परंतु मक्खियाँ जब आप उनके शरीर को क़रीब से देखेंगे तो आपको समझ में आएगा कि असल में वे एक-दूसरे से काफ़ी अलग हैं।
साधारण मक्खियाँ (Common Housefly) तो अक्सर हाथ मलते हुए देखी जाती हैं, आपने भी देखी होंगी। इनके हाथ मलने के पीछे की ख़ास वज़ह की बात करें तो दरअसल यह अपने पिछले पैरों (Hind Limbs) को आपस में रगड़ती हैं। ऐसा मक्खियों की बहुत-सी प्रजातियाँ किया करती हैं। उनके ऐसा करने की वज़ह होती है अपने पैरों को साफ़ करना, यह बात शायद आपके गले ना उतरे, पर मक्खियाँ अपनी साफ-सफाई पर ध्यान देती हैं और अपने पैर साफ़ करने के लिए ही उन्हें आपस में रगड़ती हैं।
Smell Receptors को साफ़ रखने के लिए मलती हैं हाथ
उनके इस तरह हाथ मलने का कारण होता है, Smell Receptors को साफ़ करना। असल में Smell Receptors के द्वारा ही मक्खियाँ उड़ पाती हैं और अपने भोजन की तलाश करती हैं, इन्हीं से मेट्स (Mates) सर्च करती हैं, इस प्रकार से अपने सभी ज़रूरी काम वे Smell Receptors की मदद से ही किया करती हैं।
जब आप मक्खियों को ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि ये केवल अपने दोनों पैरों को ही आपस में ही नहीं रगड़ती हैं, बल्कि अपने सिर पर और पंख पर भी फेरती रहती हैं। यद्यपि इस प्रकार से साफ़ सफ़ाई रखना मक्खियों के लिए आसान नहीं होता है, इसमें बहुत मेहनत लगती है। University of Arizona के ऑफिस ने तो मक्खियों की तारीफ करते हुए इतना तक कहा था कि मक्खियों के द्वारा इंसानों को हाईजीन (Hygiene) सिखाया जाना चाहिए।
सफ़ाई के लिए टाइम भी निश्चित करती हैं मक्खियाँ
जब मक्खियों के ऊपर स्टडी की गई तो यह जानकारी मिली की मक्खियों के कुछ ऐसी भी प्रजातियाँ होती है, जो दिन के समय किसी निश्चित समय पर ही साफ़-सफ़ाई का यह काम किया करती हैं। वर्ष 2007 में जब जर्मन शोधार्थियों ने फ़्रूट फ़्लाइज़ (Fruit Flies) पर एक्सपेरिमेंट किया तो उन्होंने पाया कि सुबह के समय और शाम के समय में वे ख़ुद को साफ़ करती हैं।
तो, मक्खियों के बारे में मिली इस ख़ास जानकारी के बाद शायद आप मक्खियों को उस घिनौनी नज़र से नहीं देखेंगे, जैसा पहले देखा करते थे। ऐसा भी हो सकता है कि मक्खियों की यह खासियत आपको भी साफ़ सफ़ाई के लिए पहले से ज़्यादा सचेत कर दे।