UP Police Constable Shyam Babu Success Story: कौन कहता है कि आसमान में सुराग नहीं हो सकता है एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों, ये लाइन आपने भी कभी न कभी जरूर सुनी होगी। यह चंद लाइनें इंसान के जीवन के संघर्ष से जुड़ी हुई हैं, जो लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर कांस्टेबल नौकरी ज्वाइन की थी। लेकिन उस व्यक्ति को सिर्फ कांस्टेबल बनकर नहीं रहना था, लिहाजा उन्होंने 14 सालों तक कड़ी मेहनत की और आखिरकार SDM का पद हासिल कर लिया।
यूपी पुलिस कांस्टेबल से SDM तक का सफर
हम जिस कांस्टेबल की बात कर रहे हैं, उनका नाम श्याम बाबू (Shyam Babu) है। श्याम बाबू ने साल 2005 में यूपी पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे, जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार का खर्च उठाने के साथ अपने बड़े भाई की पढ़ाई लिखाई से जुड़ी जारी जरूरतों को पूरा किया था। श्याम बाबू की मेहनत की वजह से उनके बड़े भाई को सरकारी विभाग में उच्च पद पर नौकरी मिल गई थी, जिसके बाद श्याम बाबू ने पढ़ाई शुरू की।
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दरअसल श्याम बाबू 12वीं पास करते ही यूपी पुलिस में भर्ती हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने नौकरी के साथ ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और साल 2008 में ग्रेजुएट हो गए। इसके बाद श्याम बाबू ने साल 2012 में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी की और फिर यूपीपीसीएस की तैयारी करने लगे, जिसके लिए वह ड्यूटी खत्म होने के बाद पढ़ाई करते थे।
पेपर में गड़बड़ी से रूकी थी नियुक्ति
इस तरह साल 2016 में श्याम बाबू ने यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया, जिसमें उन्होंने 52वीं रैंक हासिल की थी। हालांकि श्याम बाबू को SDM का पद संभालने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था, क्योंकि 2016 के यूपीपीएस एग्जाम में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इन आरोपों की वजह से एग्जाम में पास होने वाले छात्रों की नियुक्ति को रोक दिया गया था, जबकि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई।
इस तरह कमेटी की जांच पूरी होने तक श्याम बाबू ने यूपी पुलिस में बतौर कांस्टेबल नौकरी की और पूरे धैर्य के साथ अपने सिलेक्शन का इंतजार किया। ऐसे में जब मामले की जांच पूरी हुई, तो एग्जाम में पास होने वाले छात्रों की नियुक्ति की गई। इस तरह यूपी पुलिस के कांस्टेबल श्याम बाबू पूरे 14 साल बाद SDM की कुर्सी पर बैठे, जो फिलहाल बलिया जिले के बैरिया तहसील का कार्यभार संभाल रहे हैं।
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