शुरुआत से ही लोगों के मन में यह बिठा दिया जाता है कि यह काम पुरूषों का है और यह काम महिलाओं के लिए है। इसलिए बचपन से ही माता-पिता भी लड़कों के हाथ में ब’न्दूक और औजार वाले खिलौने पकड़ातें हैं और लड़कियों के हाथ में गुड्डे और गुड़िया। लेकिन आज के समय में ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्योंकि आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो ट्रकों की वेल्डिंग करने से लेकर उनके पंचर और रिपेयरिंग का काम करती है।
इस महिला का नाम है आदिलक्ष्मी (Aadilaxmi) जिनकी उम्र अभी सिर्फ़ 30 वर्ष है। आदि लक्ष्मी अब इन कामों को करने में निपुण हो चुकी हैं। वह तेलंगाना की अकेली ऐसी महिला है जो इन कामों को बहुत अच्छे से करती हैं। तेलंगाना के ही कोथागुडेम जिले के सुजाता नगर में आदिलक्ष्मी और उनके पति वीरभद्रम दोनों एक साथ अपने टायर रिपेयर के दुकान को चलाते हैं। आदिलक्ष्मी पढ़ाई के दौरान अपना स्कूल ड्रॉपआउट कर चुकी थी।
दुकान खोलने के लिए अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा
आदिलक्ष्मी की शादी साल 2010 में हुई, शादी के बाद उन्हें दो बेटियाँ हुई। जब उनके घर का ख़र्च चलना मुश्किल हो गया तब आदिलक्ष्मी ने अपने पति की मदद करने की सोची और 3 साल पहले पैसे नहीं होने कारण उन्हें इस दुकान को खोलने के लिए अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा।
शुरुआती समय में तो इनके दुकान पर जल्दी कोई नहीं आता था, उनका मानना था कि यह एक महिला है और ट्रकों के रिपेयरिंग, वेल्डिंग करने या फिर उनके टायर बदलने का काम यह कैसे कर सकती हैं। लेकिन धीरे-धीरे आदि लक्ष्मी के काम और उनकी कुशलता के बारे में लोगों को पता चल गया। अब काफ़ी लोग इनके दुकान पर आते हैं और अपनी गाड़ी की सर्विसिंग कराते हैं। इनके काम करने से लोग काफ़ी खुश हैं।
अगर सरकार की तरफ़ से कोई मदद मिल जाए तो अच्छा होगा
आदिलक्ष्मी ने बताया कि अभी हमारे दुकान पर औजार काफ़ी कम है, लेकिन जितने भी हैं उनसे हमारा काम आसानी से चल जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार की तरफ़ से इन्हें कोई आर्थिक मदद मिल जाए तो इनके साथ-साथ इनकी दोनों बेटियों का भविष्य भी सुधर जाएगा।
एक बहुत ही अच्छी वेल्डर और मेटल फ्रेम फैब्रिकेटर भी हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें तो आदिलक्ष्मी टायर फिक्स करने के साथ एक बहुत ही अच्छी वेल्डर और मेटल फ्रेम फैब्रिकेटर भी हैं। उन्होंने बताया कि कोथागुडेम एक ऐसी जगह है, जहाँ खनन का बहुत ज़्यादा काम होता है, तो ऐसे में यहाँ भारी-भारी ट्रक को और वाहनों का आना-जाना लगा रहता है।
इस तरह आदिलक्ष्मी हमारे समाज में एक उदाहरण बन कर सामने आई है जिन्होंने लोगों को यह दिखा दिया कि कोई भी काम बंटा नहीं होता। महिलाएँ भी किसी काम को बहुत ही आसानी से कर सकती हैं।