Homeन्यूज़75 सालों से एक बुज़ुर्ग पेड़ के नीचे दे रहे हैं बच्चों...

75 सालों से एक बुज़ुर्ग पेड़ के नीचे दे रहे हैं बच्चों को फ़्री में शिक्षा, वह भी बिना किसी मदद के

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

उड़ीसा के जाजपुर में रहने वाले एक बुजुर्ग, जो 75 वर्षों से बच्चों को पेड़ के नीचे पढाने का काम करते हैं, वह भी बिल्कुल फ़्री में और बिना किसी मदद के। वह ऐसे बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं जो पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं।

कहा जाता है कि शिक्षा एक मात्र ऐसे ही स्रोत है जिससे बच्चे अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकते हैं। लेकिन आज के समय में भी अनगिनत ऐसे बच्चे है, जो पढ़ाई से कोसो दूर हैं। एक अच्छे भविष्य के लिए बच्चों का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। जिसके लिए सरकार की तरफ़ से भी देशभर में कई ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे बच्चे शिक्षित हो सके। इसका एक बड़ा उदाहरण है, सर्व शिक्षा अभियान।

एक न्यूज एंजेंसी ANI के अनुसार बार्टांडा सरपंच ने बताया कि “वह पिछले 75 साल से पढ़ा रहे हैं और सरकार से किसी भी तरह की मदद के लिए इनकार करते हैं, क्योंकि यह उनका एक जुनून बं गया है। हालांकि, हमने एक ऐसी सुविधा देने का फ़ैसला किया है, जहाँ वह बच्चों को आराम से पढ़ा सकते हैं।”

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी ने बच्चों को पढ़ाने के लिए ख़ुद को पूरी तरह से समर्पित कर रखा है। ओडिशा के ही जरीपाल गाँव में रहने वाली 49 वर्षीय बिनोदिनी सामल भी एक ऐसी महिला है, को हर रोज़ अपनी जान की बाज़ी लगाकर बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही हैं।

बिनोदिनी रोज़ अपने गाँव के सपुआ नदी को पार करके राठीपाल प्राइमरी स्कूल जाती हैं, जिससे वहाँ पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य संवर सकें। स्कूल पहुँचने में बिनोदिनी के लिए तब यह काम बहुत खतरनाक हो जाता है, जब सपुआ नदी मानसून के पानी से लबालब भरी होती है। कई बार तो उन्हें अपने गर्दन तक पानी को पार करके जाना पड़ता है।

इन सारी मुश्किलों के बावजूद बिनोदिनी कभी छुट्टी लेने का बहाना नहीं बनाती। सलाम है इन दोनों जैसे तमाम शिक्षकों को, जो असल में शिक्षक होने का अपना फ़र्ज़ अदा कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें
News Desk
News Desk
तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

Most Popular