ऐसा माना जाता है कि “शिक्षा सफलता की नींव है।” शिक्षित लोग अगर किसी भी काम को करते हैं तो उसमें सफलता का परचम ज़रूर लहराते हैं। उन्हें अपने काम से जुड़ी सारी जानकारियाँ होती हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो एमबीए या इंजीनियरिंग इत्यादि करने के बाद भी दूसरे कामों में अपने हाथ आजमाते हैं।
उत्तर प्रदेश के दो भाइयों ने भी ऐसा ही किया। एक भाई के पास एमबीए की डिग्री है तो दूसरे के पास बीटेक की। डिग्री हासिल करने के बाद दोनों भाइयों ने आधुनिक खेती की ओर रुख किया। खेती के द्वारा ही दोनों भाई पूरी दुनिया में नाम कमा रहे हैं। खेती से ही उनका करोड़ों का टर्नओवर हो चुका है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं शशांक भट्ट (Shashank Bhatt) और अभिषेक भट्ट (Abhishek Bhatt)। शशांक ने जब अपने एमबीए की डिग्री पूरी की तब उन्हें एक अच्छी नौकरी भी मिली लेकिन वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। तब उन्होंने फ़ैसला किया कि उन्हें अपनी नौकरी छोड़कर किसी ऐसे क्षेत्र के तरफ़ रुख करना चाहिए जिसे करने में उन्हें ख़ुशी मिले।
उसके बाद उनके मन में खेती का विचार आया। उनके इस विचार में अगर किसी ने सबसे ज़्यादा सहयोग किया तो वह थे उनके भाई अभिषेक भट्ट। अभिषेक भी बीटेक करने के बावजूद किसी नौकरी को करना पसंद नहीं किए और दोनों भाई मिलकर एक साथ खेती करने का फ़ैसला लिया।
अपनी अपनी नौकरी छोड़ खेती करना उनके लिए इतना भी आसान नहीं था। उनके रास्ते में जो सबसे मुश्किल काम था वह था उन्हें अपने माता-पिता को मनाना। क्योंकि हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बेटा एमबीए, मेडिकल या इंजीनियरिंग करके कोई अच्छी नौकरी करें या डॉक्टर बने, ना की गाँव में रहकर खेती करें। लेकिन खेती के फायदे समझा कर उन लोगों ने अपने माता-पिता को मना लिया।
एक इंटरव्यू में बातचीत करने के दौरान शशांक ने बताया कि उन्होंने 2010 में अपना एमबीए पूरा किया और 2011 तक उनके दिमाग़ में खेती का विचार आने लगा। लेकिन खेती से जुड़ी कोई भी जानकारी उनके पास नहीं थी तब उन्हें उनके मामा राजीव ने उन्हें ढेर सारी जानकारियाँ दी, क्योंकि उनके मामा बहुत पहले से ही आधुनिक खेती के व्यवसाय से जुड़े थे। उसके बाद उन्होंने खेती से जुड़ी और भी जानकारियाँ इकट्ठी करने के लिए पूरे देश का भ्रमण किया।
उन्होंने बताया कि यूपी आज भी खेती के मामले में बहुत पीछे है। इसलिए मैंने आधुनिक खेती द्वारा बहुत ही छोटे स्तर से अपने खेती की शुरुआत की। धीरे-धीरे इनके खेती की चर्चा पूरे देश में होने लगी और बहुत सारे लोग इनके पास आधुनिक खेती के तरीकों को सीखने के लिए आने लगे और तो और इजराइल से भी कुछ लोग आए इनकी खेती को देखने के लिए और काफ़ी प्रशंसा भी की।
शुरुआत में शशांक के पास खेती करने के लिए ख़ुद की ज़मीन नहीं। तब उन्होंने एक दूसरे की किसान से 5 एकड़ खेत लीज पर ली, जिसपर उन्होंने शिमला मिर्च की खेती की। वही आज के समय में शशांक 22 एकड़ से भी ज़्यादा ज़मीन पर शिमला मिर्च के साथ, फूलगोभी और जुकिनी की खेती कर रहे हैं। शशांक रेवेन्यू को लेकर कहते हैं कि “शुरुआत के समय में उनके लिए ये सब काफ़ी कठिन था, लेकिन समय के साथ बहुत चीजों में बदलाव हुआ। आज हम अपने मेहनत और काम के दम पर ही राजस्व 15 करोड़ से अधिक का राजस्व उठा रहे हैं।”
दोनों भाई शशांक और अभिषेक ने मिलकर एक एग्रीप्लांट नाम की कंपनी की भी स्थापना की है। उनकी वह कंपनी भी खेती से ही जुड़े कामों को जैसे बड़ी संख्या में किसानों को अपने साथ जोड़कर उन्हे आधुनिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित करती है। उन्होंने एक वेबसाइट और एक कॉल सेंटर की स्थापना भी की है जहाँ किसानों को उनकी तरफ़ से मार्गदर्शन और पूरी मदद दी जाती है। शशांक का मानना है कि यूपी के किसानों को अभी भी आधुनिक खेतों के बारे में उतनी जानकारी नहीं है, जिसके कारण उन्हें उनके मेहनत के अनुसार राजस्व भी नहीं मिल पाता है।
वर्तमान समय में शशांक और अभिषेक के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10 हज़ार से भी ज़्यादा किसान जुड़े हुए हैं। उन किसानों को इनकी टीम जागरूक करने का काम करती है और आधुनिक खेती से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान करती है। शशांक ने यह भी बताया कि हम भविष्य में खेती के और भी नई-नई तकनीकों को भारत में लाएंगे जिससे किसान ज़्यादा ज्यादा फायदा उठा सकें।
उनके अनुसार सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को और भी बढ़ाना चाहिए, जिससे उन्हें और ज़्यादा मुनाफा हो और वह खेती में ज़्यादा ज्यादा रुचि ले सके। शशांक इस ढंग से खेती करते हैं कि कोई भी छोटा या बड़ा किसान उनके तरीकों को बहुत ही आसानी से सीख सकता है।
शशांक ने कहा कि खेती अब पहले की तरह नहीं है अब इसमें भी आपके लिए करियर के बहुत सारे विकल्प है और यही वज़ह है कि आज के ज्यादातर युवा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती की ओर ही आ रहे हैं। अंत में उन्होंने लोगों से यही अपील की कि आप गाँव में अपने खेतों को बेचकर शहर जाने के बजाए आप उसी खेत में आधुनिक तरीके से खेती करना शुरू करें और बेहतर कमाई कर सकें।