आज के दौर में पानी भी बोतल में बिकता है, आपने ये लाइन कई बार पढ़ी और सुनी होगी। धरती पर लगभग 70 प्रतिशत हिस्से में पानी मौजूद है, लेकिन इस पानी को बोतल में भरकर बेचने हिम्मत बिसलेरी ने की थी। यह एक ऐसी कंपनी है, जिसने पानी जैसी चीज को बेचने का रिस्क उठाया और उस कामयाब बिजनेस में तब्दील कर दिया।
लेकिन अब यह मशहूर बिसलेरी इंटरनेशनल कंपनी जल्द ही टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का हिस्सा होने वाली है, क्योंकि टाटा कंपनी ने बिसलेरी को 7 हजार करोड़ रुपए की कीमत पर खरीद लिया है। दरअसल बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान की तबीयत का नाजुक है, लिहाजा उन्होंने बिसलेरी को टाटा कंपनी के हाथ सौंप दिया है।
टाटा कंपनी खरीदेगी बिसलेरी
भारत में पिछले तीन दशकों से बिसलेरी इंटरनेशनल अपना बिजनेस चला रही है, लेकिन अब कंपनी के मालिक रमेश चौहान की तबीयत खराब रहने लगी है। ऐसे में रमेशा चौहान के लिए बिसलेरी की भागदौड़ संभालना मुश्किल हो गया है, जबकि उनकी बेटी जयंती चौहान को बिसलेरी के कारोबार में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।
लेकिन रमेशा चौहान बिसलेरी का विस्तार करना चाहते हैं, लिहाजा उन्होंने टाटा कंपनी के साथ डील की है। इस डील के तहत टाटा ने बिसलेरी इंटरनेशनल को 6 हजार से 7 हजार करोड़ रुपए की कीमत पर खरीदा है, लेकिन अगले दो साल तक मौजूद मैनेजमेंट ही बिसलेरी के लिए काम करेगा।
बिसलेरी एक इटेलियन वाटर ब्रांड है, जिसकी शुरुआत साल 1965 में मुंबई से हुई थी। हालांकि साल 1969 में रमेशा चौहान ने बिसलेरी को खरीद लिया था, जिसके बाद भारत के विभिन्न राज्यों में बिसलेरी के 122 प्लांट स्थापित किए गए। आज बिसलेरी भारत की नंबर वन वाटर कंपनी है, जिसका व्यापार विभिन्न देशों में फैला हुआ है।
अन्य कामों में ध्यान देंगे रमेश चौहान
रमेश चौहान ने बिसलेरी को अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर एक विश्वसनीय ब्रांड बनाया है, जिसकी वजह से रमेश चौहान के लिए बिसलेरी को बेचना बिल्कुल भी आसान फैसला नहीं था। लेकिन उनके पास बिसलेरी के व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं है, ऐसे में टाटा ग्रुप ने 12 सितंबर को बिसलेरी को खरीदने का ऑफर दिया था।
खबरों की मानें तो बिसलेरी को बेचने के बाद रमेश चौहान कंपनी में किसी प्रकार की हिस्सेदारी नहीं रखेंगे, जिसकी वजह से बिसलेरी को पूरी तरह से टाटा ग्रुप द्वारा संचालित किया जाएगा। रमेशा चौहान इस बिजनेस से बाहर निकलने के बाद प्लास्टिक रिसाइक्लिंग, जल संचयन और गरीबों के इलाज से जुड़े कामों ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
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