Suraj Tiwari UPSC Success Story: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के रहने वाले सूरज तिवारी की कहानी किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ट्रेन दुर्घटना में दोनों पैर और एक हाथ खोने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली।
2017 में गाजियाबाद में चलती ट्रेन से गिरने से सूरज तिवारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे में उन्होंने अपने दोनों पैर, दाया हाथ और बाएं हाथ की दो उंगलियां खो दी थीं। लेकिन इन कठिनाइयों के बीच भी सूरज तिवारी ने हिम्मत नहीं हारी।
मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2023
सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएँ! pic.twitter.com/RqslbzgEq8
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रूसी भाषा में एमए की पढ़ाई करते हुए सूरज तिवारी ने अपनी पहली ही कोशिश में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और अखिल भारतीय 917वां रैंक हासिल किया।
सूरज तिवारी की सफलता से उनके माता-पिता बेहद खुश हैं। उनके पिता रमेश तिवारी कहते हैं, “मेरे बेटे ने मुझे बहुत गर्व महसूस कराया है। वह बहुत बहादुर है। उसकी तीन उंगलियां सफलता के लिए काफी हैं।”
सूरज तिवारी की मां भी अपने बेटे पर गर्व करती हैं। वे कहती हैं, “सूरज ने कभी हार नहीं मानी और अपने जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की। वह हमेशा अपने छोटे भाई-बहनों को कड़ी मेहनत करने के लिए कहता है।”
सूरज तिवारी की कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है। उन्होंने हार मानने की बजाय चुनौतियों का सामना किया और आज एक सफल यूपीएससी अधिकारी बनकर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं।
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