Success Story of IPS Manoj Rawat – फिल्में भले ही काल्पनिक कहानी पर आधरित होती हैं, लेकिन वह कहीं न कहीं आम इंसान के जीवन से जुड़ी हुई होती हैं। यही वजह है कि जब हम ऐसी कोई फिल्म देखते हैं, तो उसे खुद से कनेक्ट कर पाते हैं। इतना ही नहीं फिल्में इंसान को प्रेरित भी करती हैं, ताकि हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने सनी देओल (Sunny Deol) की फिल्म इंडियन से इस कदर प्रेरणा ली कि वह IPS अधिकारी बन गए। इस युवक ने अपने सपने को पूरा करने के लिए एक या दो नहीं बल्कि तीन सरकारी नौकरियाँ भी छोड़ दी थी, तो आइए जानते हैं इनकी कामयाबी की कहानी।
फिल्म से प्रेरणा लेने वाला IPS अधिकारी
राजस्थान के जयपुर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्यामपुरा गाँव से ताल्लुक रखने वाले मनोज रावत (IPS Officer Manoj Rawat) आज IPS के पद पर तैनात है, लेकिन उनके लिए पद को हासिल करना किसी सपने से कम नहीं था।
मनोज रावत (IPS Officer Manoj Rawat) का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था, इसलिए स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद महज 19 साल की उम्र उन्होंने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नौकरी शुरू कर दी। लेकिन मनोज के सपने बड़े थे, इसलिए उन्होंने साल 2013 में कांस्टेबल की नौकरी छोड़ दी।
दरअसल कांस्टेबल की नौकरी करते हुए मनोज राजनीति शास्त्र में एमए कर रहे थे, इसलिए उन्होंने पढ़ाई पूरी होने के बाद कांस्टेबल की जॉब छोड़कर कोर्ट में क्लर्क (एलडीसी) की नौकरी प्राप्त कर ली। हालांकि मनोज रावत की पढ़ाई और नौकरी छोड़ने का सिलसिला जारी रहा, जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी।
हालांकि सिविल सर्विस की तैयार करते हुए मनोज तिवारी को CISF की नौकरी भी मिली थी, लेकिन उन्होंने इस नौकरी को करने से साफ इंकार कर दिया। दरअसल मनोज अपने लक्ष्य के बीच किसी सरकारी नौकरी को नहीं आने देना चाहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने 3 नौकरियाँ छोड़ दी और लोगों ने उनके फैसला का जमकर विरोध भी किया।
UPSC एग्जाम क्लियर कर बने IPS ऑफिसर
मनोज रावत (IPS Officer Manoj Rawat) को अपनी पढ़ाई पर पूरा आत्मविश्वास था, इसलिए वह नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई करते रहते थे और एक से दूसरी नौकरी बदलते रहे। मनोज ने साल 2017 में UPSC सिविल सर्विस का एग्जाम दिया था, जिसमें उन्होंने ऑल इडिया में 824वां रैंक हासिल करने में सफलता प्राप्त की थी।
आमतौर पर UPSC में 824 रैंक हासिल करने पर IPS अधिकारी का पद प्राप्त नहीं होता है, लेकिन मनोज अनुसूचित जाति से सम्बंध रखते थे। इसलिए अनुसूचित जाति का आरक्षण प्राप्त कर उन्हें 824वां रैंक मिलने के बावजूद भी IPS अधिकारी का पद मिल गया। जबकि सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अभियार्थियों को IPS ऑफिसर का पद प्राप्त करने के लिए 400 तक की रैंकिंग हासिल करनी होती है।
सनी देओल के किरदार से हुए थे प्रभावित
मनोज रावत (IPS Officer Manoj Rawat) ने अपने पूरे करियर में एक के बाद एक 3 सरकारी नौकरियाँ हासिल की और उन्हें छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें IPS आफिसर बनना था। दरअसल मनोज रावत ने सनी देओल की फिल्म इंडियन से प्रेरणा ली थी, जिसमें उन्होंने राज शेखर आजाद का किरदार निभाया था।
इस फिल्म में सनी देओल एक सच्चे और ईमानदार IPS ऑफिसर की भूमिका निभा रहे थे, जिसे देखकर मनोज रावत के मन भी IPS अधिकारी बनने का सपना पनपने लगा। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए मनोज ने तीन सरकारी नौकरियाँ छोड़ी और आखिरकार IPS अधिकारी का पद संभालने में कामयाबी हासिल की।
35 मिनट तक चला था इंटरव्यू
मनोज रावत को भले ही अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की वजह से IPS ऑफिसर का पद हासिल हो गया था, लेकिन इसमें उनकी मेहनत और लगन भी शामिल थी। इतना ही नहीं एग्जाम क्लियर करने के बाद मनोज को 35 मिनट लंबा इंटरव्यू भी देना पड़ा था।
इस दौरान अधिकारियों ने उनसे समसामयिक ज्वलंत मुद्दों समेत भारत-तीन सम्बंध, विदेश सेवा और आरक्षण से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न पूछे थे, मनोज ने सभी सवालों के जवाब अपनी समझ और जानकारी के अनुसार दिए और इंटरव्यू पास करने में सफल रहें।
माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
मनोज रावत (IPS Officer Manoj Rawat) ने जब अपनी पहली सरकारी नौकरी छोड़ी थी, तो उन्हें आम लोगों के तानों और विरोध का सामना करना पड़ा था। ऐसे में जब उन्होंने एक के बाद एक 3 सरकारी नौकरियाँ छोड़ दी, तो लोग उन्हें पागल समझने लगे थे।
लेकिन सब के बीच मनोज के माता-पिता इस फैसले में उनके साथ खड़े थे, यही वजह है कि मनोज रावत (IPS Officer Manoj Rawat) ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। एक मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनोज रावत आज IPS के पद पर तैनात हैं, जो युवाओं को अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित करते हैं।