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सिर्फ 22 साल की उम्र के हिमांशु पहली बार में पास किया IAS एग्जाम, पूरा किया स्वर्गवासी पिता का सपना

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UPSC की परीक्षा को पास करना बहुत मुश्किल माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने में ज्यादातर छात्रों को बहुत वर्षों का समय लग जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि यह परीक्षा बहुत मुश्किल होती है अतः बिना कोचिंग किए यह परीक्षा पास करना शायद नामुमकिन है। परंतु आईएएस ऑफिसर हिमांशु नागपाल (Himanshu Nagpal) ने बिना किसी कोचिंग के इस कठिन परीक्षा को केवल पास ही नहीं किया बल्कि इसके टॉपर्स की सूची में भी अपना नाम दर्ज कराया।

उन्होंने यह परीक्षा केवल 22 वर्ष की उम्र में ही पास कर ली है। हिमांशु नागपाल ने वर्ष 2018 में यूपीएससी परीक्षा में ऑलओवर 26वीं रैंक हासिल किया और टॉप लिस्ट में आये। उन्हें यह परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था जब उनकी पढ़ाई चल रही थी उसी दौरान उनके पिता जी का स्वर्गवास हो गया था इतना ही नहीं उनके भाई भी गुजर गए थे।

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ऐसे में जब परिवार के 2 लोगों की मौत हो जाए तब किसी व्यक्ति पर कैसी गुजरती है वह हम समझ ही सकते हैं। फिर भी हिमांशु नागपाल ने अपना मानसिक संयम क़ायम रखा और अपने पिताजी का सपना पूरा किया नहीं इस दौरान उनके भाई भी गुजर गए। इतने त्रासदी भरे विद्यार्थी जीवन में हिमांशु ने धैर्य नहीं खोया और अपने पिता का सपना पूरा करने में जुट गए थे।

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हिंदी मीडियम से पढे हैं हिमांशु

हरियाणा में हिसार के रहने वाले हिमांशु प्रारंभ से ही पढ़ने में अच्छे थे। उन्होंने हिन्दी मीडियम विद्यालय सीबीएसई बोर्ड द्वारा पढ़ाई की है। वह पढ़ाई में बहुत होशियार थे इसलिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भी उनके काफ़ी अच्छे प्रतिशत बने थे। 12वीं में जब उनके अच्छे नंबर आए तो उनका एडमिशन दिल्ली के हंसराज कॉलेज में हो गया था। इस कॉलेज में उन्होंने ग्रेजुएशन करने के लिए बीकॉम में प्रवेश लिया।

कॉलेज में एडमिशन करवाने के लिए उनके पिताजी भी साथ गए थे। जब वे एडमिशन करवाने पिताजी के साथ कॉलेज गए तब कॉलेज के प्रांगण में बैठे-बैठे पिताजी ने वहाँ के अचीवमेंट बोर्ड पर कई सारे नाम देखें तब उन्होंने हिमांशु से कहा कि मैं चाहता हूँ कि तेरा नाम भी एक बोर्ड पर आए। फिर थोड़े ही दिनों बाद उनके पिताजी की मौत हो गई।

हिमांशु नागपाल का इंटरव्यू वीडियो देखने के लिए निचे क्लिक करे

पिता और भाई की मौत के बाद कड़ा संघर्ष किया और पास की यूपीएससी की परीक्षा

पिता की मौत से हिमांशु को काफ़ी धक्का लगा लेकिन उनके पिताजी ने अपने आखिरी समय में जो इच्छा जाहिर की थी वह बार-बार उन्हें याद आती रहती थी। हिमांशु यह भी कहते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में कोई लक्ष्य तय नहीं किया था परंतु जब पिताजी ने उनसे आखिरी समय में यह शब्द कहे तो उनका जीवन ही बदल गया। परंतु उनके संघर्ष का सिलसिला अभी थमा नहीं था पिताजी के मौत का दुख अभी ताज़ा ही था कि उनके भाई की भी डेथ हो गई। इसके बाद हिमांशु ने यह भी निश्चय किया कि अब वह पढ़ना लिखना छोड़ देंगे और घर जाकर सिर्फ़ अपनी माँ का ख़्याल रखेंगे।

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चाचा जी ने हिम्मत बंधाई और साथ दिया

हिमांशु के चाचा जी ने उन्हें समझाया कि उन्हें पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए, वह चिंता ना करें और पढ़ने का सारा ख़र्च भी उनके चाचा जी ने ही दिया। ऐसी परिस्थितियों में हिमांशु को किसी नौकरी की आवश्यकता थी अतः उन्होंने कॉलेज में ही यूपीएससी देने का सोंच लिया था। हिमांशु ने निश्चय किया कि यदि वह एक या दो बार में भी पास नहीं हुए तो उन्हें कोई अन्य नौकरी करनी होगी। फिर उन्होंने कॉलेज की शिक्षा पूर्ण की और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। पहली ही कोशिश में उन्होंने इस कठिन परीक्षा को टॉप रैंक से पास किया।

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सभी को मेहनत और नियमित प्रयास करने की सीख देते हैं IAS हिमांशु

हिमांशु हिन्दी माध्यम से पढ़े थे अतः उन्हें दूसरे छात्रों की तरह बहुत अच्छी अंग्रेज़ी बोलना नहीं आता था, क्योंकि उन्हें अंग्रेज़ी भाषा का ज़्यादा ज्ञान नहीं था अतः उनको महसूस हुआ कि वे दूसरे छात्रों से इस विषय में थोड़े कमजोर है। शुरुआत में हिन्दी से पढ़ने के बाद कॉलेज में अचानक अंग्रेज़ी आने की वज़ह से उन्हें यह परेशानी आ रही थी।

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लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाना है इसलिए हिमांशु ने कड़ी मेहनत की और अपनी अंग्रेज़ी को बहुत अच्छा कर लिया। इतना ही नहीं बाद में उन्होंने यह परीक्षा भी अंग्रेज़ी माध्यम में ही दी।

जो भी छात्र यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते हैं उनसे हिमांशु यही कहते हैं कि किसी भी छात्र को चाहे वह कैसे भी बैकग्राउंड से सम्बंध रखता हो, उसे स्वयं को दूसरे छात्रों से कम नहीं समझना चाहिए। हिन्दी माध्यम हो या अंग्रेज़ी माध्यम इससे ज़्यादा यह मायने रखता है कि आप दूसरों को अपनी बात कैसे समझा पाते हैं। वे कहते हैं कि कड़ी मेहनत करना और सही दिशा मोटिवेशन मिलना आपको इस परीक्षा में कामयाबी प्राप्त करवा सकते हैं, बस आवश्यकता है तो नियमित प्रयास और परिश्रम की।

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News Desk
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