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कहानी भारत के सबसे शातिर चोर की – फर्जी कागज दिखा बन बैठा नकली जज और दे दी सैकड़ों कैदियों को जमानत

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अक्सर आपने अखबारों और टीवी चैनलों पर चोरी की खबरें ख़ूब देखी और पढ़ी होंगी। चोरी की घटनाएँ अब इतनी आम हो गई हैं कि हमें भी इन खबरों से कभी कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। आलम तो ये है कि देश के बड़े-बड़े रेलवे स्टेशनो और बस स्टैंड के परिसरों में बकायदा ये सूचना दी जाती है कि आप चोरों से सावधान रहिए। वरना आपका सामान चोरी हो सकता है।

लेकिन आज हम आपको ऐसे शातिर चोर की कहानी बताने जा रहें हैं जिसे ना जाने कितने राज्यों की पुलिस अब भी तलाश कर रही है। लेकिन वह चोर इतना शातिर है कि पुलिस के सामने से भी कब फरार हो जाता है किसी को पता नहीं लगता। कहने तो वह चोर है पर इत्तेफाक देखिए वह जज बनकर चोरों को सजा भी देने का काम कर चुका है। आइए जानते हैं कौन है वह शातिर चोर।

धनी राम मित्तल (Dhani Ram Mittal)

इस शातिर चोर का नाम धनी राम मित्तल (Dhani Ram Mittal) है। जो कि फिलहाल 81 साल की उम्र का है। इसका नाम भारत के शातिर चोरों में लिया जाता है। जानकारी के मुताबिक इसने 25 साल की उम्र में ही चोरियाँ करनी शुरू कर दी थी। तब से लेकर आजतक ये चोरी के इसी घिनोने पेशे में लिप्त है। इसके अनुभव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2016 में पुलिस ने इसे आखिरी बार गिरफ्तार किया था, परन्तु ये पुलिस को चकमा देकर फिर से भाग निकला। धनी राम इतना बेखौफ है कि वह दिन दहाड़े चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता।

जज भी उसे पहचानने लगे थे

धनी राम ने अब तक लगभग एक हज़ार गाड़ियाँ चुराई हैं। ऐसे में बार-बार उसे अदालत जाना पड़ता था। जिसका नतीजा ये हुआ कि उसे कोर्ट के जज साहब भी पहचानने लगे थे। एक बार जब उसे कोर्ट में पेश किया गया था तो जज साहब ने गुस्से में आकर उसे कोर्ट से बाहर जाने को कह दिया था। बस इसी बात ने धनी राम को मौका दे दिया। उसने बाहर खडे पुलिस वालों को ये कहकर उलझा दिया कि उसे जज ने जाने को कहा है। इसके बाद वह कोर्ट से बाहर ऐसा फरार हुआ कि आजतक पुलिस उसे ढूँढती ही रह गई। लेकिन पकड़ नहीं पाई।

Dhani Ram Mittal के पास है डिग्रियों की भरमार

हम लोग अमूमन ऐसा सोचते हैं कि चोर ज्यादातर अनपढ़ होते हैं, कम योग्यता रखने वाले होते हैं। ऐसे में मजबूरी वश उन्हें चोरी का रास्ता अपनाना पड़ता है। लेकिन धनी राम ने LLB तक पढ़ाई की हुई है। हैंडराइटिंग का एक्सपर्ट था। साथ ही ‘ग्राफोलॉजी’ का कोर्स भी किया हुआ है। दुर्भाग्य देखिए शिक्षा से वह समाज में बदलाव लाने की बजाय फर्जी कागज बनाने का काम करता है। वह कानूनी जानकार होने के चलते चोरी की गाड़ियों को फर्जी कागज बनाकर उन्हें दोबारा से बेच देता है।

बन चुका है ‘फर्जी जज’

आपने ये कहावत तो ज़रूर सुनी होगी कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’। धनी राम ने भी दो महीने ऐसा ही काम किया हुआ है। बताया जाता है कि एक बार उसने झज्जर के एडिशनल स्पेशल जज को फर्जी कागज तैयार करके छुट्टी पर भेज दिया था। जज के छुट्टी पर जाते ही उसने जज की कुर्सी ख़ुद संभाल ली। इस दौरान उसने करीब दो हज़ार से ज़्यादा अपराधियों को जमानत पर रिहा कर दिया था। साथ ही कई बेकसूर लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचा दिया था। इस बात की भनक जब असली जज साहब को लगी तो वह हक्के बक्के रह गए। इसके बाद सभी केसों पर दोबारा से सुनवाई हुई और जज के द्वारा सही फ़ैसला सुनाया गया।

अब भी तलाश जारी है

हैरानी की बात तो ये है कि सब कुछ जानने के बाद भी पुलिस उसका अब तक कुछ नहीं बिगाड़ पाई। पुलिस को तो अभी यहाँ तक नहीं पता कि आख़िर धनी राम इस समय कहाँ छिपा है और वह क्या कर रहा है। तो देखा आपने कैसे भारत के इस चोर ने पुलिस को अपनी कठपुतली बना रखा है। हम तो यही कहेंगे कि कुछ भी हो धनी राम मित्तल (Dhani Ram Mittal) ने चोर से जज तक बनकर अपनी काबिलियत को बखूबी साबित किया है। बस देखना होगा पुलिस अपनी काबिलियत कब तक दिखाती है

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News Desk
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तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

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