Shrikant Pantawane : कहते हैं कामयाबी भी उसी के कदम चुमती है, जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए धपती धूप में पैर जलाए हों। इसी बात की जीती जागती मिसाल हैं, श्रीकांत पंतवाने। श्रीकांत को हमेशा से पायलट बनना था, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह पायलट बनने की ट्रेनिंग ले सके।
हालांकि श्रीकांत ने हालातों के आगे घुटने नहीं टेके और अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दिए, जिसकी बदौलत आज वह पायलट बनकर अपने माता पिता व देश का नाम रोशन कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं कौन है श्रीकांत पंतवाने, जिनकी कामयाबी के इन दिनों खून चर्चे हो रहे हैं। Inspirational story of Shrikant Pantawane
Make sure you catch the inspirational story of Shrikant Pantawane,auto driver turned pilot, in this month's Hello 6E! pic.twitter.com/09nirwwa0D
— IndiGo (@IndiGo6E) June 15, 2015
गरीब परिवार में जन्में थे श्रीकांत | Success story of Shrikant Pantawane
श्रीकांत पंतवाने (Shrikant Pantawane) का जन्म नागपुर में हुआ था, लेकिन उन्हें बचपन से ही गरीबी का सामना करना पड़ा। श्रीकांत के पिता चौकीदार की नौकरी किया करते थे, जिसमें उन्हें परिवार का पालन पोषण करने के साथ साथ बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च भी उठाना था। श्रीकांत बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे और बड़े होकर पायलट बनना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी। इसे भी पढ़ें – मां पालती थी बकरियां और बेटे ने पहले ही प्रयास में क्लियर किया UPSC एग्जाम, टीचर ने भरी थी एग्जाम फीस
श्रीकांत जैसे जैसे बड़े होते गए, उन्हें परिवार की आर्थिक तंगी परेशान करने लगी। लिहाजा उन्होंने स्कूल में पढ़ते हुए डिलीवरी बॉय की पार्ट टाइम नौकरी करना शुरू कर दिया था, लेकिन स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद श्रीकांत की मुश्किल और ज्यादा बढ़ गई। उन्हें पढ़ाई और परिवार में से किसी एक को चुनना था, लिहाजा श्रीकांत ने पढ़ाई छोड़कर परिवार के लिए पैसे कमाना शुरू कर दिया।
ऑटो चलाकर उठाया घर का खर्च | Auto driver became Pilot
श्रीकांत ने घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ऑटो चलाना शुरू कर दिया था, लेकिन उनके मन में पायलट बनने की जिद्द और जुनून जस के तस बना हुआ था। ऐसे में एक दिन वह सामान की डिलीवरी देने के लिए एयरपोर्ट गए और वहां रन-वे पर दौड़ते हुए प्लेन को देखकर श्रीकांत के मन में अपने सपने को उड़ान देने का ख्याल आया।
इस दौरान श्रीकांत की मुलाकात चाय स्टॉल के वेंडर से हुई थी, जिसने उन्हें डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन पायलट स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बारे में बताया था। श्रीकांत ने इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत मध्य प्रदेश में स्थित फ्लाइट स्कूल में एडमिशन ले लिया और प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग लेने लगे, जबकि उन्होंने पैसे कमाने के लिए एक कंपनी में जॉब भी की।
समस्याओं के लड़कर पूरा किया सपना
श्रीकांत ने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दिए, उन्होंने न सिर्फ प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग ली बल्कि अपने परिवार का पेट भरने के लिए प्राइवेट कंपनी में जॉब भी करते रहे। हालांकि इस दौरान श्रीकांत को अंग्रेजी की समस्या का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत में बदल लिया।
इसके बाद श्रीकांत ने फ्लाइंग एग्जाम दिया और उसे क्लियर करने में सफल भी हुए, जिसके बाद उन्होंने इंडिगो एयरलाइंस कंपनी में पायलट के रूप में नौकरी ज्वाइन की। आज श्रीकांत इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट उड़ाते हैं, जबकि एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें घर का खर्च उठाने के लिए सड़कों पर ऑटो चलाना पड़ता था।
श्रीकांत पंतवाने उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो हालातों का हवाला देकर अक्सर पीछे हट जाते हैं और मेहनत नहीं करना चाहते हैं। देखा जाए तो जिस व्यक्ति के अंदर मेहनत करने का जस्बा होता है, वह हर मुश्किल को पार करके अपने सपनों को उड़ान देने में सफल हो जाता है। इसे भी पढ़ें – सड़क पर सब्जी बेचकर पढ़ाई करने वाली अंकिता नागर बन गई हैं सिविल जज, जानें उनके संघर्ष की कहानी