यह कहानी है हरियाणा के मोरनी गाँव की जहाँ बच्चे अपनी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क से जूझ रहे थे और कई बार तो बच्चे सिग्नल की तलाश में पेड़ पर बैठकर भी पढ़ाई करते थे।
सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक बच्चा पेड़ पर चढ़कर अपने ऑनलाइन क्लासेज को कर रहा है। लेकिन जैसे ही इस यह वीडियो सोनू सूद तक पहुँची, फिर क्या था? वह तुरंत इन बच्चों की मदद के लिए तैयार हो गए और उनके गाँव में लगवा दिया टावर। जिससे बच्चे बिना किसी समस्या के अपने घर में बैठ कर आराम से पढ़ाई कर सके।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सोनू सूद ने किसी की मदद की है। इससे पहले भी वह चंडीगढ़ में छात्रों के बीच स्मार्टफोन बांटे थे, ताकि वह अपनी पढ़ाई आसानी से कर सके और उन्हें कोई समस्या ना हो।
सोनू सूद के मदद की चर्चा अब पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक भी पहुँच चुकी है। कुछ महीने पहले ही उन्होंने कोरोना कि वज़ह से लॉकडाउन में दूसरे शहर में फंसे हजारों मजदूरों को उनके घर भेजा था, जिसके बाद लोग उन्हें “गरीबों का मसीहा” कहने लगे और इन्हीं सामाजिक कार्यों के कारण सोनू सूद को “यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम” की तरफ़ से “ह्यूमेनिटेरियन एक्शन अवार्ड” से सम्मानित भी किया गया था।
अपने इस इंसानियत के कारण सोनू सूद लाखों ऐसे इंसानों के दिल में एक अमिट छाप बना ली है, जो कभी मिटने वाली नहीं है। वाकई उनके जैसा कोई नहीं है।