Gwalior News: इस जीवन रूपी साइकिल में पति पत्नी दो पहियों की भूमिका निभाते हैं, जिसे सुचारू रूप से चलाने के लिए एक दूसरे को समझना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर पति पत्नी के बीच सही तालमेल होता है, तो वह मुश्किल स मुश्किल सफर को आसानी से पार कर लेते हैं।
खासतौर से महिलाओं के लिए शादी के बाद उनके पति का सपोर्ट बहुत ही जरूरी हो जाता है, क्योंकि उन्हें घर और बच्चों के साथ अपना करियर भी संभालना होता है। ऐसे में आज हम आपको एक अनोखे कपल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें पति ने अपनी पत्नी को ऊंची उड़ान भरने में मदद की।
20 दिन के बच्चे की माँ ने दी परीक्षा
शादी के बाद जब कोई महिला बच्चे को जन्म देती है, तो उसे आगे के 2 सालों अपना पूरा समय बच्चे को देना पड़ता है। लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में स्थित आंतरी गाँव में रहने वाली प्रियंका बघेल (Priyanka Baghel) की कहानी बिल्कुल अलग है, क्योंकि वह 20 दिन के नवजात बच्चे के साथ परीक्षा देने के लिए पहुँची थी।
दरअसल प्रियंका बघेल डॉक्टर बनना चाहती है और इस वक्त वह 12वीं कक्षा की परीक्षा दे रही हैं। ऐसे में परीक्षा से 20 दिन पहले प्रियंका ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन उन्होंने परीक्षा छोड़ना ठीक नहीं समझा और 20 दिन के बच्चे के साथ एग्जाम हॉल में जा पहुँची।
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पति ने दी पत्नी के सपनों को उड़ान
प्रियंका को हिम्मत देने का काम उनके पति खेर सिंह ने किया, जो प्रियंका को लेकर आंतरी गाँव से 60 किलोमीटर दूर ग्वालियर पहुँचे थे। खेर सिंह ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और वह ड्राइविंग करके अपने परिवार का भरन पोषण करते हैं।
ऐसे में जब प्रियंका और खेर सिंह शादी हुई, तो प्रियंका ने अपने पति को बताया कि वह आगे पढ़ाई करके डॉकटर बनना चाहती है। खेर सिंह ने प्रियंका की ख्वाहिश की कद्र की और उसे आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रियंका ने जब 20 दिन के बच्चे साथ एग्जाम देने के लिए पहुँची, तो उनके साथ उनके पति खेर सिंह भी मौजूद थे। ग्वालियर पहुँच कर प्रियंका एग्जाम देने के लिए परीक्षा हॉल में चली गई, जबकि खेर सिंह बच्चे के साथ बाहर खड़े होकर अपनी पत्नी का इंतजार कर रहे थे।
खेर सिंह ने करवाया था एडमिशन
प्रियंका बघेल शुरुआत से ही पढ़ाई करना चाहती थी, लेकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा ठीक नहीं थी। ऐसे में प्रियंका के माता पिता ने दिसम्बर 2020 में खेर सिंह से उनकी शादी कर दी, जिसके बाद प्रियंका आंतरी गाँव में आ गई।
ऐसे में शादी के बाद प्रियंका ने खेर सिंह के सामने आगे पढ़ाई करने की इच्छा जारी की, जिसके बाद खेर सिंह ने प्राइवेट से प्रियंका का दाखिला 12वीं कक्षा में करवा दिया था। इस तरह 12वीं की परीक्षा देने के लिए प्रियंका और खेर सिंह को गाँव से ग्वालियर तक 60 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।
प्रियंका अपनी परीक्षा के साथ अपने बच्चे और घर का भी पूरा ध्यान रखती हैं, ऐसे वह सबसे पहले बच्चे को सुला देती है और फिर रात भर जागकर परीक्षा की तैयारी करती है। प्रियंका का मानना है कि लड़कियाँ शादी के बाद भी अपने सपने पूरे कर सकती हैं, उन्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
प्रियंका के सपने को पूरा करने में उनके पति खेर सिंह की अहम भूमिका है, जो खुद कम पढ़े लिखे हैं लेकिन अपनी पत्नी को डॉक्टर बनाना चाहते हैं। खेर सिंह ने प्रियंका की पढ़ाई के लिए न सिर्फ अपने घरवालों को मनाया, बल्कि उनके साथ परीक्षा देने के लिए एग्जाम हॉल तक भी पहुँचते हैं।
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