Apple and Tata Group Partnership: देश का सबसे बड़ा और पुराना टाटा ग्रुप ऑफ बिजनेस अब इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग और ई-कॉमर्स में भी अपना क़दम रखने वाला है। जी हाँ, टाटा ग्रुप और एप्पल के बीच पार्टनरशिप की संभावना है, जो लगभग अपने लास्ट स्टेज पर है।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, यह डील अगस्त 2023 तक मंजूरी प्राप्त कर सकती है और इसका मूल्यांकन 600 मिलियन डॉलर का हो सकता है। यदि यह सहमति हो जाती है, तो टाटा पहली भारतीय कंपनी बनेगी जिसे आइफोन निर्माण करने की अनुमति मिलेगी। टाटा ग्रुप की ऐपल (Apple) के सप्लायर विस्ट्रॉन कॉर्प (Wistron Corp) को से बातचीत चल रही है। विस्ट्रॉन ताइवान की एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी है जो भारत के कर्नाटक में स्थित है।
Read Also: Vivo जल्द लॉन्च करेगा कम कीमत वाला Y27 5G स्मार्टफोन, लाजवाब डिजाइन के साथ शानदार फीचर्स
विस्ट्रॉन का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में लगभग 1.8 बिलियन डॉलर की आईफोंस का निर्माण करने का है। यहाँ iPhone 15 मॉडल का उत्पादन किया जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, विस्ट्रॉन को ऐप्पल के साथ साझेदारी से काफी नुकसान हो रहा है। इसलिए विस्ट्रॉन भारत में आइफोन बिजनस से निकलना चाहती है और टाटा ने खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इस डील की चर्चा लगभग एक साल से चल रही हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर टाटा, विस्ट्रॉन और ऐपल के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है।
कंपनी द्वारा वादा किया गया है कि यदि डील की मंजूरी मिलती है, तो वे अगले साल तक फैक्ट्री में कर्मचारियों की संख्या को तीन गुना बढ़ाएंगे। फिलहाल फैक्ट्री में 10,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं। वर्कफोर्स के बढ़ने से बड़े पैमाने पर नौकरियों की संख्या में वृद्धि और भारत से स्मार्टफोन निर्यात में गति आएगा। यह भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इस डील से आइफोन के निर्माण में लागत कम होगी जिससे आने वाले दिनों में आइफोन की कीमत में कमी आ सकती है।
Samsung Galaxy Z Flip 5 फोन की पहली तस्वीर आई सामने, जानें क्या है खासियत