New Delhi: मंहगाई के इस दौर में घर या मकान खरीदना किसी बड़े सपने से कम नहीं है। अधिकतर लोग अपने सपनों का आशियाना खरीदने के लिए सालों मेहनत करते हैं तब जाकर उन्हें खुद का घर नसीब हो पाता है। जब हम पुराना घर खरीदते हैं तो इस दौरान बहुत से दस्तावेज बेहद जरूरी होते हैं जो घर के लेने से पहले हमारे पास होना बेहद जरुरी होते हैं तो कुछ ऐसे भी डॉक्युमेंट होते हैं जिनका हमारे पास घर लेने के बाद भी जरूरी होता है।
जैसे म्युटेशन और रजिस्ट्री के बारे में सभी लोग जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी एक दस्तावेज होता है जो अगर आपके पास नहीं होता है तो भविष्य में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं कि आखिर यह डॉक्युमेंट कौन-सा है।
Non Encumbrance Certificate
जिस डॉक्युमेंट के बारे में हम आपसे बात कर रहे हैं। उसको Non Encumbrance Certificate के नाम से जाना जाता है। इसकी भूमिका भी उतनी ही होती है जितनी की एक रजिस्ट्री पेपर और म्युटेशन की होती है। खासतौर से यह उनके लिए बेहद जरूरी होता है जो लोग शहर में किसी बिल्डर से घर खरीदते हैं।
जो लोग बिल्डर से घर लेते हैं उनकी ज्यादा जानकारी भी वहाँ के लोगों व बिल्डर के साथ नहीं होती है। ऐसे में Non Encumbrance Certificate के जरिए ये सुनिश्चित कर लिया जाता है कि जिस व्यक्ति से हम घर या फ्लैट खरीद रहे हैं। उसको सरकार से परमिट दिया गया है।
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इसलिए आवश्यक है डॉक्युमेंट
इस Certificate की मुख्य तौर पर जरुरत उस समय होती है जब हमें प्रोपर्टी पर लोन लेना होता है या फिर किसी को बेचना है। इस स्थिति में एन्कम्ब्रन्स डॉक्युमेंट के बिना मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। यही वह डॉक्युमेंट होता है जिसमें लेखा-जोखा होता है कि कब इस प्रोपर्टी पर लोन लिया गया था कब किसे बेची गई थी, फिलहाल कितना लोन चल रहा है जैसी चीजें इसी में दर्ज होती हैं। उम्मीद करते हैं आप इस डॉक्युमेंट को संभालकर रखेंगे क्युंकि ये भी रजिस्ट्री पेपर और म्युटेशन के साथ बेहद जरूरी कागजात होता है।