किस्मत सबको एक बार मौका ज़रूर देती है बस ज़रूरत है उस मौके की तलाश की। इस मौके को देने के लिए ज़िन्दगी हमसे तरह-तरह की परीक्षाएँ लेती हैं और सफल वही होता है जो आने वाली तमाम परीक्षाओं का साहस के साथ सामना करता है। हमारी आज की कहानी ऐसे ही शख़्स की है जिसने मौके को तलाश कर उसे पूरा करने के लिए अपना जी-जान लगा दिया और परिणाम यह हुआ कि आज वह कश्मीर में पुलिस ऑफिसर बन चुका है।
जम्मू कश्मीर के एक व्यवसायी परिवार में जन्म लेने वाले ‘मोइन खान‘ (Moin Khan) के घर में शिक्षा का माहौल बिल्कुल भी नहीं था। जब वह दसवीं क्लास में थें तो उनके पिता का बिजनेस घाटे में चला गया इसलिए उन्होंने सबको खर्चे में कमी करने को कहा। परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए मोइन ने घर के पास एक किराने की दुकान में नौकरी कर ली।
वह दिन भर स्कूल में पढ़ाई करते और शाम को दुकान पर काम करते थें। ऐसे ही उन्होंने 12वीं पास की और फिर BBA के लिए कॉलेज में एडमिशन करवा लिया उन्होंने सोचा कि ग्रेजुएशन के बाद अच्छी नौकरी लग जाएगी और फिर सब कुछ सही हो जाएगा। परंतु क़िस्मत को तो कुछ और मंजूर था अभी ग्रेजुएशन को कुछ ही दिन बीता था कि उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया और उनका परिवार भारी आर्थिक समस्या से जूझने लगा।
इस कारण उन्होंने कॉलेज छोड़ जॉब ढूँढना शुरू कर दिया। इसी क्रम में उन्हें ‘पिज्जा हट’ में नौकरी दिखी। जब मोइन वहाँ इंटरव्यू देने गए तो उनसे बोला गया कि यहाँ झाड़ू-पोंछा करना होगा और बर्तन धोने होंगे जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं इतना मजबूर हूँ कि आप अंडरवियर धोने बोलेंगे तो वह भी दे दूंगा। उनके इस जवाब को सुनकर उन्हें वहाँ नौकरी पर रख लिया गया।
यहाँ काम करने के दौरान उनका परिचय एक ऐसे शख़्स से हुआ जिसने पढ़ाई में इनका इंट्रेस्ट देखा फिर कॉलेज में एडमिशन करा दिया। अब वह दिन में कॉलेज जाते और शाम को रात तक पिज्जा हट में काम करते थें। इस तरह उन्होंने BBA पूरा कर लिया परंतु एमबीए के लिए उनके पास पैसे नहीं थें। उन्होंने अब ख़ुद का कोई काम करने का सोंचा और इसके लिए जानने वाले लोगों से कर्ज़ लेकर का कार वॉश का बिजनेस शुरू किया।
पढ़ लिख कर कार ही तो धोते हो कौन-सा DC लगा लिए हो
कब किसकी कौन-सी बात बुरी लग जाए और फिर हमारी ज़िन्दगी बदल जाए यह कोई नहीं जानता कार वॉश के दौरान मोइन के पास एक ग्राहक आया जिसने इनसे कहा कि इतना पढ़ लिखकर कौन-सा डीसी लगा लिए हो गाड़ी ही तो धोते हो। यह बात तो उनके अंदर तक लग गई और उसी समय उन्होंने ऑफिसर बन उसे दिखाने का दृढ़ निश्चय कर लिया और उस साल आए पुलिस ऑफिसर का फॉर्म भर दिया और फिर उसके लिए जम के तैयारी करने लगें।
आईपीएस संदीप चौधरी के फ्री क्लासेस ‘ऑपरेशन ड्रीम्स’ से मिली गाइडेंस
मोइन पढ़ाई में काफ़ी अच्छे थें और वह पुलिस ऑफिसर के लिए काफ़ी मेहनत कर रहे थें। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें गाइडेंस की ज़रूरत थी जिसके लिए वह सर्च करने लगें। इसी क्रम में उन्हें पता चला कि संदीप सर ऑपरेशन ड्रीम्स के तहत निःशुल्क तैयारी करवा रहे हैं। बस फिर क्या था! मोइन पहुँच गए संदीप सर के पास और फिर शुरू कर दी उनके गाइडलाइंस में कड़ी मेहनत।
कार वॉश का काम और तैयारी करना दोनों साथ में काफ़ी मुश्किल हो रहा था और वह अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थें। फिर वह अपने पिता के पास गए और उनसे 1 साल का समय मांगा। इनकी मेहनत को देखते हुए पिता ने इन्हें समय दे दिया। अब मोइन केवल तैयारी पर फोकस्ड थें जिसका परिणाम यह हुआ कि वह अपने पहले ही प्रयास में पुलिस ऑफिसर बनने में सफल हो गए और आज कश्मीर में पोस्टेड हैं।
अपने मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से मोइन ने जो कुछ भी कर दिखाया है वह निश्चय ही सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया है कि परिस्थितियाँ कितनी ही विपरीत क्यों ना हों अगर आप अपने सपने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर कठिन परिश्रम करते हैं तो कोई भी आपको सफल होने से नहीं रोक सकता।