वैसे तो भारतीय संस्कृति में अनेक देवताओं की मान्यता है लेकिन जब बात हो भोले मन के देवता कि तो नाम आता है महादेव जी का, आज हम उनके बारे में एक ऐसे मंदिर के बारे में आपको बता रहे हैं जो मंदिर अपनी दैवीय शक्तियों की वजह से जाना जाता है। यह मंदिर हरियाणा के अरूणाय में है जो श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
कहा जाता है कि यहाँ पर नाग और नागिन भगवान शिव का आशीर्वाद लेने आते हैं जो देखने में एक बहुत ही बड़ा अचम्भा है क्योंकि वह किसी को बिना कोई हानि पहुँचाए भगवान शिव के मंदिर की परिक्रमा करके वापस चले जाते हैं। हमारी सनातन संस्कृति पुराणों के आधार पर है और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर का पुराणों में भी ज़िक्र है कि यहाँ भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे और आज भी वह उस शिवलिंग के रूप में स्थापित हैं।
लोगो की इतनी मान्यता है कि यहाँ पर मंदिर की परिक्रमा कर और यहाँ के बेल बृक्ष पर धागा बाँधकर आप अपनी इक्छा प्राप्त कर सकते है महाशिवरात्रि और श्रावण के पवित्र महीने में यहाँ पर श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है जो अपना मनचाहा फल प्राप्त करते हैं तथा प्राप्त करने के बाद भगवान का धन्यवाद करने और बंधा हुआ मन्नत का धागा खोलने भी आते हैं।
मंदिर को जानने के लिए वहाँ के ट्रस्ट ने एक मंदिर पुस्तिका भी बनवाई है जिसमे वर्णन है कि मंदिर परिसर में प्राकृतिक शक्तियाँ हैं जो गन्दगी फैलाने वाले को तुरंत कोई न कोई कष्ट देती हैं, यहाँ के दूध से मक्खन नहीं निकाला जा साकता है क्योंकि इससे भगवान शिव रुष्ट हो जाये हैं और दूध को कीड़ों में परिवर्तित कर देते हैं, पूरे मंदिर परिसर में खाट का प्रयोग वर्जित है।