पैसे की क़ीमत वही बता सकता है जिसके पास पैसे नहीं हो। इसी तरह पढ़ाई की क़ीमत भी उसे ही सबसे ज़्यादा होती है जो पढ़ा लिखा नहीं होता है और ऐसे इंसान की हमेशा यही कोशिश होती है कि भले ही वह पढ़ा लिखा नहीं है तो क्या हुआ, लेकिन उसके बच्चे अवश्य पढ़ने चाहिए और वह इसके लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देता है।
लॉकडाउन की वज़ह से सभी बच्चों की तरह गणेश्वर की बेटी का ऑनलाइन क्लास भी शुरू होने वाला था। लेकिन इनके पास अपनी बेटी की ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन नहीं था और इन्हें यह कतई गवारा नहीं था कि उनकी बेटी अपना क्लास छोड़ दें, और साथ में समस्या थी कि स्मार्टफोन खरीदने के लिए पैसे भी नहीं थे। तब इन्होंने अपनी गाय बेचने का फ़ैसला किया, जो गाय इनके घर ख़र्च का स्रोत थी।
इंडिया के पहले डेयरी स्टार्टअप मिल्क मंत्रा के फाउंडर श्रीकुमार मिश्रा को जब इस घटना का पता चला, तो उन्हें गणेश्वर की यह स्थिति देखी नहीं गई। उन्होंने गणेश्वर को एक गाय उपहार स्वरूप देने के बारे में सोचा और उन्हें एक हाइब्रिड गाय और एक बछड़ा दिया।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, गणेश्वर ने अपनी गाय 6, 500 रुपये में बेची थी और ऊपर से दो हज़ार रुपये उन्होंने उधार भी लिए थे। गणेश्वर के परिवार को इस गिफ्ट की कोई उम्मीद नहीं थी, क्योंकि उनका परिवार दिहाड़ी मजदूरी से चलने वाला परिवार है। गणेश्वर के परिवार ने कहा कि वह हमेशा मिश्रा के आभारी रहेंगे, जिन्होंने हमारे परिवार का संकट भरे समय में सहयोग किया।
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एक ट्वीट में, मिश्रा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारे योगदान से गणेश्वर के परिवार को आय का स्रोत मिलने में मदद होगी। उनकी बेटी की शिक्षा पर भी कोई असर नहीं पड़े। इस महत्त्वपूर्ण कहानी को उजागर करने के लिए @XpressOdisha पर टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा।”
श्री कुमार ने गणेश्वर को जो गाय उपहार स्वरूप भेंट किया है, वह गाय सुबह तीन लीटर दूध देती है और शाम को 2.5 लीटर, जो गणेश्वर और उसके परिवार के लिए प्रति दिन 300 कमाने के लिए पर्याप्त है। अवश्य ही गणेश्वर को अपना घर ख़र्च चलाने में इससे सहूलियत होगी।