जब किसी कंपनी का कर्मचारी काम में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो उसे कंपनी की तरफ़ से तनख्वाह में बढ़ोतरी और प्रमोशन मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी कंपनी के बारे में सुना है, जो कर्मचारी के काम से खुश होकर उसे गिफ्ट के रूप में चांद पर ज़मीन दे देती है।
अगर नहीं… तो इफ्तेखार रहमानी (Iftekhar Rahmani) की कहानी को जानने के बाद आपको इस बात यक़ीन हो जाएगा कि चांद पर भी घर बनाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं ज़मीन पर रहने वाले इफ्तेखार रहमानी के चांद तक पहुँचने के बेहतरीन सफ़र के बारे में-
अमेरिकी कंपनी ने चांद पर दी जमीन
आज तक आपने शायर की शायरी और आशिकों के मुंह से चांद, तारे तोड़ लाने वाली बातें सुनी होंगी, लेकिन बिहार के दरभंगा (Darbhanga) में रहने वाले इफ्तेखार रहमानी (Iftekhar Rahmani) ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि रात के समय आसमान में चमकने वाले चांद पर कभी उनकी ज़मीन भी होगी। लेकिन अमेरिकी की एक कंपनी ने उनके इस सपने को न सिर्फ़ हक़ीक़त में तब्दील किया है, बल्कि उनके हौसले को नई उड़ान देने का काम भी किया है।
इफ्तेखार रहमानी ने चांद पर ज़मीन का टुकड़ा मिलते ही सबसे पहले अपनी पत्नी को वीडियो कॉल किया और उनके साथ इस खुशखबरी को बांटा। इफ्तेखार रहमानी को चांद पर ज़मीन मिलना किसी नामुमकिन सपने का पूरा होने जैसा लगता है, तभी तो उनके परिवार से साथ-साथ पूरे गाँव में एक ख़ुशी की लहर दौड़ रही है।
नोएडा में करते हैं काम, क्या चांद पर होगा कभी घर
इफ्तेखार रहमानी नोएडा में रहते हैं और वहीं एक निजी कंपनी को चलाने का काम करता है। उनकी यह कंपनी विदेशी कंपनियों से संपर्क करके उनके लिए काम करती है, जिसकी वज़ह से इफ्तेखार का संपर्क एक अमेरिकी कंपनी से हुआ। दरअसल इफ्तेखार एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जो नोएडा में ऐआर स्टूडियोज़ के नाम से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी चला रहे हैं। इतना ही नहीं इफ्तेखार की कंपनी ने लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के लिए भी काम किया है, जो चांद पर लोगों को ज़मीन खरीदने और बेचने के काम करती है।
इसी कंपनी ने इफ्तेखार की लगन और मेहनत से खुश होकर उन्हें चांद पर ज़मीन का एक टुकड़ा गिफ्ट के रूप में दिया है, जिसकी वज़ह से इफ्तेखार और उनका परिवार बेहद खुश है। दरअसल इफ्तेखार ने लूनर सोसाइटी इंटरनेशनल कंपनी के पुराने सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव करके उसे नया रूप देकर अपडेट किया था। उनके इस आइडिया की वज़ह से कंपनी को अच्छा खासा मुनाफा हुआ, जिसकी वज़ह कंपनी ने इफ्तेखार के काम से खुश होकर उन्हें भी चांद पर ज़मीन दे दी।
गाँव में खुशी की लहर
दरभंगा में उनके घर पर रोजाना सैकड़ों लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, गाँव के लोग एक दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं और इस ख़ुशी को एक दूसरे के साथ बांट रहे हैं। जाहिर-सी बात है कि बिहार के एक छोटे से गाँव से आने वाले युवक को अगर कोई विदेशी कंपनी चांद पर ज़मीन गिफ्ट करती है, तो यह उसके और उसके परिवार के लिए गर्व की बात है।
इफ्तेखार रहमानी (Iftekhar Rahmani) की कहानी उन सैकड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो हालातों से मजबूर होकर घर पर बेरोज़गारी की ज़िंदगी जी रहे हैं। इफ्तेखार ने साबित कर दिखाया है कि अगर इंसान के हौसलों में ताकत हो, तो चांद पर भी घर बनाया जा सकता है।