Best Cooler: गर्मियों के सीजन में लोगों के लिए राहत पाने के लिए चंद विकल्प होते हैं। इन्हीं में से एक कूलर का विकल्प भी है। मार्केट में अनेक तरह के कूलर पेश किए जाते हैं खासतौर से बनावट को आधार बनाकर देखें तो लोहे व प्लास्टिक के कूलर देखने को मिलते हैं लेकिन बात जब इनकी खरीददारी करने की आती है तो अधिकतर लोग कन्फ्यूजन में आ जाते हैं।
उन्हें नहीं पता होता है कि उनके लिए प्लास्टिक कूलर या फिर लोहे का कूलर किसे खरीदना फायदेमंद होता है। इस लेख में इसी सवाल का विस्तार से जबाव देने वाले हैं। यहाँ से आप अपना कन्फ्यूजन तो दूर करेंगे ही साथ ही अपने लिए बेहतर कूलर का भी चयन कर पाएंगे।
प्लास्टिक कूलर के फायदे
सबसे पहले प्लास्टिक कूलर के बारे में जान लेते हैं। इन्हें बहुत कम लाइटवेट वजन के साथ बनाया जाता है। जिसकी वजह से इन्हें मूव करना बहुत आसान होता है। लोहे वाले कूलर की तुलना में इनका वजन भी कम होता है। इन्हें कहीं भी यूज करने के हिसाब से डिजाइन किया जाता है।
सबसे जरुरी चीज प्लास्टिक के कूलर में करंट प्रवाह होने की टेंशन काफी हद तक हो जाती है। इसमें ग्राहकों को खरीददारी करने के लिए ढेरों विकल्प मिल जाते हैं। चाहे कलर के आधार पर हो या डिजाइन की बात हो ग्राहक अपनी मनपसंद का कूलर खरीद सकता है।
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लोहे के कूलर को खरीदने के कारण
कुछ लोगों को भारी कूलर चाहिए होता है। जिसे वह एक बार में ही कहीं सेट कर दें और टेंशन फ्री हो जाएँ तो आपके लिए मेटल कूलर ही सही विकल्प होता है। मेटल वाले कूलर प्लास्टिक वाले कूलरों से सस्ते भी आते हैं। इनकी खरीददारी में ये फैक्टर भी मुख्य तौर पर काम करता है। लोहे वाले कूलर में मजबूत मोटर का समायोजन दिया जाता है। जो कि ज्यादा कूलिंग देने में कारगर होता है। इनकी मजबूती तो प्लास्टिक वाले कूलर से अधिक होती ही है।
अपने सहुलियत के हिसाब से करें चयन
मेटल के कूलर के कुछ नुकसान भी होते हैं। इन्हें बार-बार कहीं भी लाया ले जाया नहीं जा सकता। इनमें वजन बहुत होता है। करंट फ्लो होने की भी दिक्कत बनी रहती है। इनमें नीचे की तरफ कैस्टर व्हील भी नहीं लगे होते हैं। बात कीमतों की करी जाए तो ठीक-ठाक अंतर के बीच इनकी खरीददारी की जा सकती है। यहाँ हमारा सुझाव है आप अपने बजट और सहुलियत के हिसाब से खरीददारी कर सकते हैं।