Inverter AC: भारत में चिलचिलाती गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है, जिससे छुटकारा पाने के लिए लोग एसी और कूलर जैसे इलेक्ट्रिक आइटम्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बाज़ार में अलग-अलग प्रकार के एसी और कूलर देखने को मिलते हैं, जो इंवर्टर और नॉन-इंवर्टर फ्रेंडली होते हैं।
ऐसे में अगर आप भी इन्वर्टर फ्रेंडली एसी खरीदते हैं, तो इसका यह मतलब नहीं है कि उस एयर कंडीशनर को इन्वर्टर की बिजली से चलाया जा सकता है। लेकिन इन्वर्टर एसी का असल काम बिजली की कम खपत करना होता है, तो आइए जानते हैं इस एसी के बारे में।
क्या होता है इन्वर्टर एसी?
यूं तो बाज़ार में स्प्लिट और विंडो दो प्रकार के एसी प्रचलन में हैं, जिसमें विंडो एसी को खिड़की में लगाया जाता है वहीं स्प्लिट एसी को दीवार पर लगाया जाता है। इसी प्रकार बाज़ार में इन्वर्टर एसी भी उपलब्ध है, जिसमें कंप्रेसर, रोटर और पावर करेंट को कंट्रोल करने के लिए एक खास सिस्टम मौजूद होता है।
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ऐसे में इन्वर्टर एसी कमरे के तापमान के हिसाब से ऑटोमेटिक तरीके से टेम्परेचर एडजस्ट करता है, जिसकी वजह से बिजली की खपत कम होती है। अगर कमरा ज्यादा ठंडा हो जाता है, तो इंवर्टर एसी अपने आप कूलिंग पावर को कम कर देता है। इसकी वजह से बिजली की बचत होती है, जबकि कमरा भी ठंडा रहता है।
वहीं नॉन-इन्वर्टर एसी में इस तरह का एडवांस कंट्रोलिंग सिस्टम नहीं होता है, जिसकी वजह से एसी के तापमान को मैनुएली सेट करना पड़ता है। ऐसे में अगर कमरे का तापमान ज्यादा ठंडा हो जाता है, तब भी एसी का कूलिंग सिस्टम जारी रहता है और इसकी वजह से बिजली के बिल में बढ़ोतरी होती है।