Kamal Kumbhar Story : गरीबी जब इंसान का इम्तिहान लेती है, तो अक्सर वह सही और गलत के बीच फर्क करना भूल जाता है। ऐसे में कई लोग 2 वक्त की रोटी के लिए चोरी करते हैं, तो कोई झूठ और बेइमानी का सहारा लेते हैं। लेकिन एक ईमानदार इंसान मजबूरी और गरीबी में भी गलत राह नहीं चुनता है, जिसकी वजह से अक्सर उसे कठिन संघर्ष से गुजरना पड़ता है।
ऐसे में संघर्ष का रास्ता अपना कर मेहनत के दम पर आगे बढ़ने वाले व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है, फिर चाहे वह कोई पुरुष हो या महिला। आज हम आपको महाराष्ट्र में रहने वाली एक ऐसी ही साहसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए सफलता प्राप्त की है।
Kamal Kumbhar Inspiring Story
महाराष्ट्र (Maharashtra) के उस्मानाबाद (Osmanabad) जिले से ताल्लुक रखने वाली कमल कुंभार (Kamal Kumbhar) का जन्म एक मजदूर परिवार में हुआ था, जिसकी वजह से उन्होंने बचपन से ही गरीबी देखी थी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से कमल कुंभार पढ़ाई नहीं कर पाई, जबकि वह अपने परिवार के लिए पैसे कमाकर उन्हें बेहतर जिंदगी देना चाहती थी। Read Also: पहले गलियों में घूमकर बेचती थीं कोयला, आज हैं ऑडी, मर्सीडीज जैसी कारों की मालकिन
लेकिन कमल के परिवार वालों ने उनकी कम उम्र में ही शादी कर दी थी, हालांकि कमल की शादी ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाई और वह अपने पति का घर छोड़कर वापस मायके आ गई। ऐसे में कमल कंभाल का जीवन पूरी तरह से बदल गया था, क्योंकि शादी के बाद घर आई लड़की को परिवार से वह मान-सम्मान और प्यार नहीं मिलता है।
कमल अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थी, लिहाजा उन्होंने खुद पैसे कमाने का फैसला किया। लेकिन उनके पास न तो डिग्री थी और न ही नौकरी का एक्सपीरियंस, जिसकी वजह से उन्होंने चूड़ियाँ बेचने का काम शुरू कर दिया। कमल के गाँव की महिलाएँ अक्सर उनके पास चूड़ियाँ लेने आती थी, इसी दौरान कमल को महसूस हुआ कि गाँव की अन्य महिलाएँ भी सशक्त होना चाहती हैं लेकिन उनके पास कोई साधन नहीं है।
कमल पॉल्ट्री एंड एकता प्रोड्यूसर्स कंपनी
ऐसे में कमला ने चूड़ी बेचकर कुछ पैसे कमाए थे, जिसे उन्होंने अपने बिजनेस में लगाने का फैसला किया। इसके साथ ही उन्होंने जान पहचान के लोगों से थोड़े रुपए उधार लिये थे, जिससे उनके पास 2 हजार रुपए जमा हो गए थे। उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल करते हुए साल 1998 में कमल ने एक कंपनी शुरू की, जिसका नाम उन्होंने कमल पोल्ट्री एंड एकता सखी प्रोड्यूसर कंपनी रखा था।
इस कंपनी के साथ कमल ने अन्य महिलाओं को जोड़ना शुरू किया, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त होता था। इसके अलावा कमल ने महिलाओं की मदद के लिए एक स्वयं सहायता समूह भी खोला था, ताकि उनकी पारिवारिक समस्याओं को हल किया जा सके। इस कंपनी की स्थापना से कमल खुद तो सशक्त बनीं, लेकिन उन्होंने गाँव की अन्य महिलाओं को भी अपने पैरों खड़े होने का हौंसला दिया था।
कमल कुंभार चाहती तो कंपनी तक ही सीमित रह सकती थी, लेकिन उन्होंने जिंदगी में आगे बढ़ते रहने का फैसला कर लिया था। लिहाजा उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी योजना के तहत ऊर्जा विशेषज्ञ की ट्रेनिंग ली, जिसके बाद उन्होंने गाँव की महिलाओं को जागरूक करते हुए लगभग 3 हजार घरों में सोलर लैंप लगवाए थे। Read Also: देहरादून की बिजनेस मॉम्स: 50 साल की उम्र में भी शुरू की कंपनी, हर साल कमाती हैं 2 करोड़ रुपए
इतना ही नहीं कमल कुंभार आपदा में अवसर तलाश करने का अच्छा नजरिया रखती हैं, इसलिए जब साल 2012 से 2015 के बीच महाराष्ट्र के कई इलाकों में भयंकर सूखा पड़ा था तो उन्होंने रोजगार का नया तरीका खोज निकाला था। कमल ने सूखी और बंजर जमीन का इस्तेमाल करते हुए उसमें बकरी पालन शुरू कर दिया, जिससे होने वाली आमदनी को वह किसान परिवारों में बांट देती थी।
कमल कुंभार को किया गया सम्मानित
कमल कुंभार (Kamal Kumbhar) की सफलता को देखते हुए उनके गाँव में अन्य लोगों ने भी पॉल्ड्री फार्म का काम शुरू कर दिया था, जिसकी साल 2017 में आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कमल को एफआईसीसीआई ने सम्मानित किया था। इसके साथ ही नीति आयोग ने कमल कुंभार को Serial Entrepreneur के रूप में चुना था।
वर्तमान में कमल कुंभार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न संगठनों से देश की 5 हजार महिलाएँ जुड़ी हुई हैं, जिन्हें न सिर्फ रोजगार प्राप्त हुआ है बल्कि वह सशक्त और जागरूक भी हुई हैं। 8 मार्च 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कमल को पशुपालन के क्षेत्र में कुशल उद्यमिता के लिए नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कमल कुंभार की कहानी (Kamal Kumbhar Success Story) देश की सैकड़ों महिलाओं को प्रेरित करती हैं, जिनके पास न तो डिग्री है और न ही काम करने का एक्सपीरियंस। लेकिन इसके बावजूद भी अगर वह महिलाएँ चाहे, तो अपने आत्मविश्वास के दम पर कमल कुंभार की तरह सफलता की सीढ़ी चढ़कर कामयाब हो सकती हैं।