Homeप्रेरणादेश सेवा के लिए अमेरिका में 50 लाख की नौकरी छोड़ IPS...

देश सेवा के लिए अमेरिका में 50 लाख की नौकरी छोड़ IPS बने संतोष, आज भी खाली समय में गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Inspirational story of IPS Santosh Mishra – ऐसा जरूरी नहीं है कि सरकारी पद पर नौकरी प्राप्त करना महज अच्छी जीवन शैली जीना का एक तरीका है, बल्कि भारत में ऐसे बहुत से युवा मौजूद हैं जो अच्छी जीवन शैली के लिए नहीं बल्कि अपने देश की सेवा करने के लिए सिविल सर्विस की तैयारी करते हैं।

यही वजह है कि हमारे देश में संतोष मिश्रा जैसे IPS ऑफिसर कार्यरत हैं, जिन्होंने अमेरिका में लाखों का पैकेज छोड़कर अपने देश की सेवा करने के लिए सिविल सर्विस ज्वाइन की है। आखिर कौन हैं IPS संतोष मिश्रा, जो इन दिनों ट्विटर की दुनिया में छाए हुए हैं।

IPS-Santosh-Mishra

Inspirational story of IPS Santosh Mishra

बिहार के पटना (Patna) जिले से ताल्लुक रखने वाले आईपीएस संतोष मिश्रा (IPS Santosh Mishra) के पिता भारतीय सेना में जवान थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं। पिता की वजह से बचपन से ही संतोष के मन में देश सेवा की भावना उत्पन्न हो गई थी, जो बढ़ती उम्र के साथ और ज्यादा भी मजबूत होने लगी।

संतोष मिश्रा ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद पुणे यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और फिर यूरोप की कंपनी में नौकरी करने लगे। संतोष ने 4 साल तक यूरोप में काम किया, जिसके बाद वह अमेरिका शिफ्ट हो गए।

संतोष मिश्रा तकरीबन 7 साल तक अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी के साथ काम किया था, जहाँ उनकी सैलेरी 50 लाख रुपए हुआ करती था। लेकिन संतोष उस नौकरी को जारी नहीं रखना चाहते थे, लिहाजा उन्होंने अमेरिका की जॉब छोड़ दी और वापस भारत लौट आए।

IPS-Santosh-Mishra-Story

पहले ही प्रयास में हासिल की कामयाबी

संतोष मिश्रा (IPS Santosh Mishra) जानते थे कि वह एक काबिल छात्र हैं, लिहाजा उन्होंने अपनी इस काबिलियत को देश सेवा में लगाने का फैसला किया। भारत लौटने के बाद संतोष ने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी और साल 2012 में यूपीएससी की परीक्षा दी।

संतोष मिश्रा ने अपने पहले ही प्रयास में देश की सबसे मुश्किल परीक्षा को पास करने में कामयाबी हासिल की, जिसके बाद उन्हें IPS अधिकारी का पद संभालने की जिम्मेदारी मिली। संतोष मिश्रा इस वक्त उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में SP के पद पर कार्यरत हैं और देश सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।

IPS Santosh Mishra-Teaching-Students

गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं IPS अधिकारी

संतोष मिश्रा (IPS Santosh Mishra) सिर्फ दिमाग से ही तेज IPS अधिकारी नहीं हैं, बल्कि वह एक नेक दिल इंसान भी हैं। यही वजह है कि संतोष मिश्रा को जब भी काम से फ्री समय मिलता है, वह जिले के सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुँच जाते हैं।

संतोष मिश्रा बहुत ही सरल अंदाज में बच्चों को पढ़ाते हैं, जिसकी वजह से बच्चे मुश्किल सवाल को भी आसानी से हल कर लेते हैं। इतना ही नहीं संतोष मिश्रा गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा खड़े रहते हैं, जबकि बच्चों को चॉकलेट और जलेबी जैसी चीजें खिलाकर खुश रखते हैं।

पहलवान बजरंग पूनिया ने शेयर किया फोटो

IPS ऑफिसर संतोष मिश्रा (IPS Santosh Mishra) पिछले 9 सालों से देश की सेवा कर रहे हैं, लेकिन ट्विटर पर अचानक से उनकी चर्चा होने लगी। दरअसल इस चर्चा का श्रेय टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) को दिया जा सकता है, जिन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर स्कूली बच्चों को पढ़ते हुए संतोष मिश्रा की फोटो शेयर की थी।

बजरंग पुनिया ने संतोष मिश्रा की दो तस्वीरें शेयर की, जिसमें एक तस्वीर में वह बच्चों को पढ़ा रहे हैं जबकि दूसरी तस्वीर में बजरंग पुनिया उनके साथ खड़े हैं। बजरंग पुनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, ये IPS ऑफिसर संतोष मिश्रा हैं, जो ड्यूटी से समय निकाल कर गरीब और जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में मदद करते हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क में 50 लाख रुपए सैलेरी वाली नौकरी छोड़ दी, ताकि वह देश सेवा में काम कर सकें।

IPS ऑफिसर संतोष मिश्रा (IPS Santosh Mishra) की कहानी वाकई बहुत ही प्रेरणादायक है, जिससे हमारे देश के युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने और देश की सेवा करने की सीख मिलती है। संतोष मिश्रा जैसे अधिकारी भारत का नाम रोशन करने के साथ-साथ गरीबों की मदद के लिए हमेशा खड़े रहते हैं, इस नेक दिल ऑफिसर को दिल से सलाम।

यह भी पढ़ें
Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

Most Popular