ये हौसलों की कहानी है, दिव्यांग बॉडी बिल्डर मोहित की जो हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। उन्होंने एक नहीं पूरे 2 बार कैंसर जैसी घातक बीमारी को हराया, अपना एक पैर भी खोया। लेकिन इसी चीज को अपनी मजबूती बनाकर आज मोहित बन चुके हैं एक बॉडी बिल्डर।
मोहित की कहानी एक दर्दनाक सपने से कम नहीं है। लेकिन नकारात्मकता कि भी कोई गुंजाइश नहीं है। उन्हें साल 2010 में बोन कैंसर हो गया था, जिसके बाद दिल्ली के अस्पताल के द्वारा उनके पैर में रॉड डाल दिया गया। मोहित उस समय तो वह स्वास्थ्य हो गए, लेकिन ठीक 5 साल बाद उन्हें उसी पैर में कैंसर हो गया, जिससे उनकी पैर की हड्डी पूरी तरह से गल गई। उसके बाद मुश्किलें इतनी बढ़ गई कि उनका पैर जांघ से काटना पड़ा।
इसके बाद मोहित का कैंसर तो ठीक हो गया, लेकिन एक पैर से ज़िन्दगी जीना आसान नहीं था। अस्पताल से तनाव हटाने के लिए उन्होंने यूट्यूब पर बॉडी बिल्डरों के वीडियो देखने शुरू किए. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वह बॉडी बिल्डर बनेंगे।
सिर्फ 24 साल की उम्र में मोहित ने बोन कैंसर की वज़ह से अपना एक पैर गंवाने के बाद भी डिप्रेशन के शिकार नहीं हुए और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अपनी सकारात्मकता और मेहनत से राज्य स्तर और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल्स भी जीत चुके हैं।
जिम के दौरान उन्हें परेशानियाँ भी हुई
हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद मोहित ने 2016 में जिम जाना शुरू किया। वैसे शुरूआत में तो उन्हें काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने इससे हार नहीं मानी। कई-कई बार तो जिम करने के दौरान उनके पैर ज़ख्मी हो जाते थे, लेकिन वह रुकने वाले भी कहाँ थे। वह अब वह रोज़ाना सुबह-शाम 6 घंटे जिम किया करते हैं।
किस तरह का डाइट फॉलो करते है
मोहित पिछले तीन सालों से मिर्च, मसाला और नमक छोड़कर सिर्फ़ बॉयल किया हुआ खाना खा रहे हैं। जैसे:-उबला चिकन, फल, सब्जी और बादाम इत्यादि। मोहित को स्टार कैटेगरी में मिस्टर इंडिया का खिताब तक मिल चुका है। वह मिस्टर वर्ल्ड, मिस्टर यूपी, मिस्टर हरियाणा और दिल्ली भी रह चुके हैं।
उनके इस हौसले और बुलंदी से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए कि आपको अपनी मंज़िल पाने के लिए कोई भी संसाधन या शरीर आड़े नहीं आ सकता।