वैसे तो कभी घर की छतों पर, कभी स्कूलों में, ऑफिसों में, तो कहीं खेतों में, सोलर पैनल देखने को मिल जाता है। लेकिन ट्रॉली वाला सोलर सिस्टम आपने अब तक शायद नहीं देखा होगा? जिसे आप आसानी से ट्रॉली के जरिए कहीं भी ले जा सकते हैं और ले आ सकते हैं। पहिए वाला सोलर पैनल खासकर उन किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है जिन्हें अक्सर खेतों में काम करना पड़ता है और बिजली की समस्या के कारण उन्हें बहुत मुश्किलें आती हैं।
हम आज बात कर रहे हैं एक ऐसे ट्रॉली वाले सोलर पैनल के बारे में। इस अनोखे सोलर ट्रॉली को डिज़ाइन और डेवलप किया है हरियाणा के एक किसान प्रदीप कुमार ने। हिसार में पेटवाड़ गाँव में रहने वाले प्रदीप ने 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद अपने पिता के साथ खेती करने लगे। लगभग 4.5 एकड़ पुश्तैनी ज़मीन पर खेती करने के साथ-साथ उन्होंने सोचा कि क्यों न कोई व्यवसाय भी किया जाए।
प्रदीप ने कहा कि “वह अपने एक भाई के साथ मिलकर 2009 में सरकारी स्कूलों के लैब में सामान सप्लाई करने का काम शुरू किया। लेकिन इसमें काफ़ी चुनौतियाँ रही। साल 2015 आते-आते हमारा पूरा फोकस सोलर पर हो गया था क्योंकि उस वक़्त तक सरकारी स्कूलों में सोलर पैनल लगने की शुरुआत हो चुकी थी।” प्रदीप यह बात अच्छे से समझ गए थे कि सोलर के क्षेत्र में आगे अच्छी भविष्य है, क्योंकि भविष्य में इसकी उपयोगिता बढ़ने वाली है।
इसलिए सामान्य सोलर पैनल से वह धीरे-धीरे सोलर पंप की तरफ़ बढ़े। इस काम में उनकी सबसे बड़ी समस्या गाँव में चोरी की थी। उन्होंने कहा, “हम गाँव में सोलर के बारे में जब किसानों के साथ मीटिंग करते तो उनका कहना यही होता कि लगवा तो लें पर चोरी हो गया तो कैसे भरपाई होगी।”
प्रदीप के कुछ जान पहचान वाले लोगों ने ही उनसे सोलर पंप लगवा लिए। कुछ दिन सबके यहाँ बढ़िया चलने के बाद किसी के यहाँ चोरी हुई तो किसी के सोलर पैनल को तोड़ दिया गया। वह कहते हैं कि मुश्किल तो बड़ी थी क्योंकि इन सब वजहों से किसान इसे लगवाने को ही तैयार नहीं थे। ऐसे में, उन्हें ख़्याल आया कि क्यों न ऐसा सोलर बनाया जाए, जिसे कहीं भी ले जाया जा सके।
उन्होंने कहा कि “मैंने इस पर काम करना शुरू किया और 4 साल तक मेहनत करने के बाद 2019 में हमारा डिज़ाइन तैयार हुआ। हमने ट्रैक्टर की ट्रॉली का डिज़ाइन लेकर उस पर पैनल सेट किया और इसका सिस्टम प्लग-इन वाला बनाया जिससे बस एक तार जोड़ना पर इससे बनने वाली बिजली मिलने लगे।”
प्रदीप अभी 6 से लेकर 14 पैनल तक की सोलर ट्रॉली बना रहे हैं। उनके बनाए हुए 6 पैनल की ट्रॉली की क़ीमत 48 हज़ार रुपये है तो 14 पैनल वाले सोलर की क़ीमत 78 हज़ार रुपये है। अगर किसी किसान को अपने यहाँ पूरा सेट-अप कराना है तो पंप आदि सभी का ख़र्च जोड़कर यह एक-डेढ़ लाख रुपये तक अा जाता है। इसके अलावा, किसान को कितनी क्षमता का सोलर ट्रॉली पंप चाहिए, इस पर भी क़ीमत निर्भर करती है। इसमें पूरे एक साल तक की सर्विसिंग की वारंटी की ज़िम्मेदारी कंपनी लेती है।
उनका कहना है कि “हमारा उद्देश्य किसानों के लिए काम करना है। इस तरह किसान के ज़रूरत के अनुसार हम उनके लिए सोलर पैनल तैयार कर देते हैं।”
इसके बहुत सारे फायदे हैं:
- इसे कोई चुरा नहीं सकता। आप अपनी ज़रूरत के अनुसार इसे कहीं भी कैरी कर सकते हैं।
- किसान को पंप चलाने के लिए किसान को डीजल या बिजली पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
- अगर खेत में इसकी ज़रूरत न हो तब इससे घर पर भी सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जा सकती है।
- खेती का मौसम नहीं होने पर किसान इसे किराए पर देकर भी पैसे कमा ले सकते हैं।
प्रदीप कहते हैं कि अब उनकी सोलर ट्रॉली हरियाणा के अलावा भी कई राज्यों जैसे-उत्तर-प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड और ओडिशा आदि में सप्लाई हो रही है।
अब बाइक ट्रॉली मॉडल पर काम कर रहे हैं प्रदीप
अब तो प्रदीप ने अपने सोलर ट्रॉली के डिज़ाइन के लिए भारत सरकार से सर्टिफिकेशन भी करा लिया है। अब वह इन दिनों बाइक ट्रॉली बनाने का काम कर रहे हैं। क्योंकि कुछ ऐसे भी किसान हैं जिनके पास ट्रैक्टर की सुविधा नहीं है और ये ट्रॉली बाइक उनके लिए कारगर साबित हो सकती है और इसे भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
कोई भी व्यक्ति सोलर ट्रॉली की अधिक जानकारी के लिए प्रदीप के ग्राहक सेवा नंबर 7400007009 पर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक कॉल कर सकते हैं। क्योंकि उनका मानना है कि यह सुविधा ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचे और उनके लिए बेहतर साबित हो।
Input: thebetterindia.com