इंसान को एक बात याद रखनी चाहिए अगर आप दिल से मेहनत कर रहे हैं तो सफलता आपको मिलनी ही मिलनी है, इसमें कुछ वर्षों का समय लग सकता है लेकिन हमेशा का नहीं। बिहार के एक ऐसे ही युवक हैं जिन्होंने अपने आईएएस (IAS) बनने के सपने को पूरा करने के लिए मर्चेंट नेवी तक की नौकरी छोड़ दी और अपने सपने को पूरा करके ही दम लिया। आइए जानते हैं बिहार के रहने वाले इस युवक की कहानी…
इस युवक का नाम है पारितोष पंकज (IAS Parishosh Pankaj), इनका जन्म बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर में हुआ है। परितोष की नौकरी मर्चेंट नेवी में लगी थी जिसे उन्होंने कई सालों तक किया फिर उनके दिमाग़ में UPSC का ख़्याल आया और उनका सपना एक IAS बनने का हो गया। आखिरकार उन्होंने अपने मर्चेंट नेवी जैसी नौकरी को छोड़ दी और UPSC की तैयारी में लग गए।
पारितोष पंकज (IAS Parishosh Pankaj)
परितोष पंकज (IAS Parishosh Pankaj) जो आरा शहर के रहने वाले हैं उन्होंने वहीं से अपनी 12वीं तक की शिक्षा पूरी की जिसके बाद वह आईआईटी (IIT) की तैयारी में लग गए। आईआईटी में चयन होने के बाद उन्हें मर्चेंट नेवी कोर्स में दाखिला मिल गया। तब उन्होंने इस कोर्स को पूरा किया। कोर्स पूरा होते ही परितोष को जर्मनी में मर्चेंट नेवी के तहत शिप पर नौकरी हो गई। साल 2015 तक परितोष ने मर्चेंट नेवी में नौकरी की।
नौकरी करने के दौरान हीं परितोष पंकज को यूपीएससी करने का जुनून सवार हुआ। काफ़ी सोच समझने के बाद उन्होंने आखिरकार अपनी नौकरी छोड़ दी और तैयारी में जुट गए। जब वह पहली बार 2016 में यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) में शामिल हुए तब उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। लेकिन पहले प्रयास से उन्हें काफ़ी कुछ सीखने को मिला।
जब 2017 में उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) दी तब वह प्री और मेंस परीक्षा में तो पास हो गए, लेकिन इंटरव्यू क्वालीफाई नहीं कर सके। इस बार उन्हें दुख तो बहुत हुआ लेकिन फिर कुछ दिनों के अंदर ही उन्होंने ख़ुद को Build-up किया और एक बार फिर तैयारी में लग गए।
चौथे प्रयास में मिली सफलता
काफी मेहनत के बाद जब पारितोष तीसरी बार परीक्षा में शामिल हुए तो एक बार फिर वह प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में तो पास हो गए, लेकिन सिर्फ़ कुछ अंको के कारण हीं इंटरव्यू से छट गए। इस बार भी उन्हें गहरा धक्का पहुँचा। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने IAS बनने की ठान ली थी। जब परितोष चौथी बार परीक्षा में शामिल हुए तब इस बार परिणाम काफ़ी अच्छा आया और उन्होंने अपने चौथे प्रयास में 142वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) में सफलता पाई।
इस तरह परितोष पंकज (IAS Parishosh Pankaj) के संघर्षों को देखने के बाद ऐसा महसूस होता है कि इंसान को ज़िन्दगी में कभी असफल होने पर पीछे नहीं हटना चाहिए। भले ही हम हार जाएँ लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। इनकी कहानी करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर आपको अपने सपने को पूरा करना है तो उसके लिए आपको रिस्क लेना पड़ेगा।