IAS Anukriti Sharma Success Story– आज हम आपको बताएंगे IAS अनुकृति शर्मा की सक्सेस स्टोरी, जो सिविल सेवाओं में जाना तो नहीं चाहती थीं लेकिन एक घटना की वज़ह से उन्होंने निश्चय किया कि अब IAS ही बनेंगी। अनुकृति शर्मा (IAS Anukriti Sharma) मूल रूप से जयपुर की हैं, उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने के बारे में कभी नहीं सोचा था इसलिए अब एक उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश में चली गई थीं।
बिना कोचिंग क्रैक किया UPSC का एग्जाम
वर्ष 2017 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (Union Public Service Commission, UPSC) की तरफ़ से सिविल सर्विसेज की परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसमें जयपुर की निवासी अनुकृति शर्मा (IAS Anukriti Sharma) ने 355वीं रैंक प्राप्त की। आपको बता दें कि अनुकृति ने कभी सिविल सेवा में जाने के बारे में नहीं सोचा था, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश में चली गई थी।
परंतु उनके जीवन में एक ऐसी घटना उन्होंने देखी जिसकी वज़ह से उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया और उन्होंने भारत आकर सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने का निश्चय लिया। UPSC की परीक्षा के लिए अनुकृति ने कोई कोचिंग नहीं की और घर पर ही पढ़ाई करके इस एग्जाम में कामयाबी प्राप्त की।
इन्होंने जयपुर के इंडो भारत इंटरनेशनल स्कूल से बारहवीं कक्षा आज की उसके बाद में वर्ष 2012 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, कोलकाता से BSMS (जियोलॉजिकल साइंसेज) में स्नातक किया। फिर इन्होंने नेट की परीक्षा पास की और US की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त किया। इसी बीच उनके जीवन में कुछ ऐसे परिवर्तन आए की उन्होंने सोच लिया अब सिविल सर्विसेज में ही जाना है।
इस घटना की वज़ह से किया सिविल सेवा में जाने का फैसला
अनुकृति मीडिया रिपोर्ट्स में एक घटना बताते हुए कहती है कि हमारे यहाँ पर एक भईया चाय की दुकान लगाया करते थे, उनकी बेटी केवल14 वर्ष की ही थी और फिर भी इतनी कम उम्र में उसकी शादी कर दी गई। उस समय मैंने महसूस किया कि इस बच्ची की तुलना में मुझे तो बहुत-सी सुख सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं। मैं जो चाहे स्वतंत्रता से कर सकती हूँ, जहाँ पर भी जाना चाहूँ, वहाँ पर जा सकती हूँ।
इस घटना ने मुझे अंदर से झकझोरा, मैंने सोचा कि मुझे ऐसे लोगों के लिए कुछ तो करना चाहिए, जिनको बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल पाती हैं, उनका जीवन स्तर ऊंचा उठना चाहिए। इसके बाद से ही मैंने सिविल सेवा में जाने का फ़ैसला किया। इसके लिए बाद में मैंने अपने अध्यापक से भी इस बारे में बात की।
भारत आकर शुरू कर दी UPSC की तैयारी
अनुकृति ने कुछ समय के लिए तो उन्होंने UPSC में जाने के इस ख़्याल को ड्राप कर दिया था। फिर जब वे डेढ़ साल तक विदेश में रहीं तो उन्हें लगा कि जो फ़ैसला उन्होंने लिया था अब वही करेंगी। अनुकृति अपने देश और अपने समाज के लिए कुछ करना चाहती थी और इसके लिए उनका सिविल सर्विसेज ज्वाइन करना ज़रूरी था क्योंकि इसी माध्यम के द्वारा वे देश सेवा के लिए कार्य कर सकती थीं। फिर वह विदेश में पढ़ना छोड़ भारत आ गयीं और यहाँ आकर UPSC की परीक्षा की तैयारी में जुट गई।
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परिवार ने दिया साथ
अनुकृति ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा देने का निर्णय उन्होंने तो कर लिया था लेकिन इसके लिए घर वालों को भी मनाना था, पहले तो उनके परिवार ने इसके लिए हाँ नहीं की लेकिन कुछ समय बाद सभी ने अनुकृति के इस फैसले को माना। नतीजन अब अनुकृति आईएएस ऑफिसर बन गई है और उनके परिवार वाले भी बहुत खुश हैं।
सफल बनने के लिए यह टिप्स देती हैं IAS अनुकृति
अनुकृति (IAS Anukriti Sharma) का मानना है कि जब भी आपको UPSC की परीक्षा की तैयारी करनी हो तो बिना घबराए, आत्मविश्वास के साथ तैयारी कीजिए। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो तैयारी करने के लिए अपनी नौकरी और केंपस प्लेसमेंट भी छोड़ देते हैं। तब जॉब छोड़ने के बाद भी अगर आप कामयाब नहीं हो पा रहे हो तो आपको निराश नहीं होना चाहिए बल्कि धैर्य रखकर तैयारी कीजिए। आप यह सोचिए कि मैं यहाँ क्यों हूँ और क्या करना चाहता हूँ। ऐसा सोचने पर आप सेल्फ मोटिवेट होंगे और आप में एक बार फिर पूरे ज़ोर से तैयारी करने की एनर्जी आ जाएगी।
अनुकृति (IAS Anukriti Sharma) की कामयाबी उन सभी विदेश में बसे भारतीयों के लिए एक सीख है, जो देश की मिट्टी को भूल कर विदेश में शिक्षा और नौकरी करने के लिए चले जाते हैं और वही रह जाते हैं। आज देश को अनुकृति जैसे युवाओं की आवश्यकता है जो देश के विकास के लिए कार्य कर सकें।