Income Tax Return: देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की अहम भूमिका होती है, जिनकी मदद से सड़क, हाई-वे और रेलवे स्टेशन समेत विभिन्न प्रकार का कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा हो पाता है। ऐसे में आयकर विभाग टैक्सपेयर्स से समय पर टैक्स भरने की अपील करता है, जिसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई तय की गई है।
ऐसे में अगर आप टैक्सपेयर (Taxpayers) हैं और 31 जुलाई से पहले आईटीआर फाइल कर देते हैं, तो आप 5 से 10 हजार रुपए के जुर्माना भरने से बच सकते हैं। इसके अलावा आपको देरी से आईटीआर भरने के एवज में ब्याज भी नहीं भरना पड़ेगा, जिसकी वजह टैक्सपेयर्स फायदे में रह सकते हैं।
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अंतिम तिथि से पहले टैक्स भरने वाले नागरिकों को बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है, फिर चाहे वह सरकारी या प्राइवेट किसी भी बैंक में अप्लाई क्यों न करें। दरअसल बैंक इनकम टैक्स भरने वाले नागरिकों को लोन देने के लिए प्राथमिकता देता है, जिसकी वजह से टैक्सपेयर को बड़ा लोन लेने में दिक्कत नहीं होती है।
वहीं अगर कोई टैक्सपेयर आईटीआर (ITR) भरने में देरी करता है, तो उसके ऊपर 5,000 से 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। इसके साथ ही देरी से आईटीआर दाखिल करने पर टैक्सपेयर को ब्याज भी देना पड़ता है, जबकि उन्हें बैंक से लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
भारत में न्यू टैक्स रिजीम के तहत सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई करने वाले लोगों की आय टैक्स फ्री होती है, जबकि उससे अधिक आय वाले कर्मचारियों को सालाना टैक्स भरना पड़ता है। वहीं 60 साल से कम उम्र वाले लोगों को टैक्स में 2.5 लाख रुपए की छूट दी जाती है, जबकि 60 साल से अधिक आयु वर्ग वाले लोगों को सालाना कमाई में 3 लाख रुपए की छूट मिलती है।