लोगों के मन में ऐसी धारणा बन जाती है कि शादी के बाद लड़कियों को अपने करियर पर फोकस करना उतना संभव नहीं होता और इसकी वज़ह है समय की कमी, बहुत सारी जिम्मेदारियाँ, नया परिवार और भी बहुत कुछ। लेकिन हमारे समाज में कई ऐसी महिलाओं के उदाहरण भी है जिन्होंने उसी 24 घंटे में अपने पति और परिवार के सहयोग से करियर पर फोकस किया है, अपने घर की जिम्मेदारियों को भी निभाया है, अपनी ज़िंदगी में सफल होकर एक नया मुकाम भी हासिल किया है।
ऐसी ही एक कहानी है, पद्मिनी नारायण की, जिन्होंने 2019 की UPSC की परीक्षा में 152वीं रैंक हासिल की। उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत के साथ-साथ उनके पति और ससुराल वालों का सहयोग भी रहा।
इस तैयारी के दौरान पद्मिनी की लाइफ में जो सबसे अलग फेज था वह था उनका प्रेग्नेंट होना। और उन्हें कई स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। उन्होंने ये बताया कि जब वह पूरी तरह से पढ़ते-पढ़ते थक जाती थीं तो उनके पति उन्हें किताब पढ़कर सुनाते थे।
पद्मिनी, जो दिल्ली की रहने वाली हैं और यहीं से उन्होंने अपने शिक्षा पूरी की है। आर्थिक परेशानी ना रहने के बावजूद भी उन्होंने 12वीं और अपनी आगे तक की पढ़ाई ख़ुद के द्वारा ट्यूशन से कमाये पैसों से की। उनके परिवार के सभी सदस्य चाहते थे कि वह सिविल सेवा में जाएँ। परिवार के साथ-साथ धीरे धीरे पद्मिनी की भी रुचि इस ओर बढ़ती गई।
पद्मिनी ने आईपी युनिवर्टी से ग्रेजुएशन करने के बाद बीसीए किया, जहाँ वह मेरिट लिस्ट में सबसे आगे रहीं। इसके बाद उन्होंने मास्टर्स भी किया। फिर उन्होंने बैंक मैनेजर के रूप में भी काम किया और यहाँ से उन्होंने सरकारी सेवा क्षेत्र में जाने का मन बनाया। इसी दौरान उनकी शादी भी हो गई।
लेकिन शादी के बाद उन्हें अपने पति और ससुराल वालों का ख़ूब साथ मिला। घर वालों ने उन्हें अपने करियर को दोबारा शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नौकरी करते हुए UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी। वह ऑफिस आने और जाने के दौरान रास्ते में पढ़ा करती थी।
जब वह पहली बार परीक्षा अटेम्प्ट की तो सिलेबस टफ होने के कारण सफल नहीं हो सकी। उन्हें यह समझ आ गया कि नौकरी करने के साथ-साथ यह परीक्षा पास करना मुश्किल है। उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपना पूरा समय पढ़ाई पर फोकस करना शुरू किया। साथ ही साथ कोचिंग क्लास और लाईब्रेरी भी जॉइन कर लिया और इसी बीच उनके सामने जो सबसे बड़ी समस्या है जब उन्हें पता चला कि वह प्रेग्नेंट है और उनका पढ़ाई पर से फोकस हटने लगा।
लेकिन उनके पति ने उन्हें ये भरोसा दिलाया कि तुम सिर्फ़ अपनी पढ़ाई पर फोकस करो, तुम्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस दौरान उनकी सास और पूरे परिवार ने उनकी काफ़ी मदद की। पद्मिनी ने बताया कि जब वह पढ़ते-पढ़ते थक जाती थीं तो उनके पति उन्हें किताब पढ़कर सुनाते थे और इस बार प्री तो क्या उसके साथ मेंस और इंटरव्यू तक पास कर ली। 2020 में जब रिजल्ट आया तो उन्हें ऑलओवर 152वीं रैंक मिली।
इस तरह पद्मिनी ने दिखा दिया कि कोई भी समस्या चाहे वह शारीरिक, पारिवारिक हो या आर्थिक आपके सामने टिक नहीं सकती। अगर आपमें हौसलों के उड़ान है तो आप अवश्य ही अपनी मंज़िल पा सकेंगे।