IAS Archana Verma: हाथरस की जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने अपने बेटे अभिजीत का दाखिला किसी बड़े प्ले ग्रुप या इंटरनेशनल स्कूल में नहीं कराया, बल्कि उन्होंने अपने आवास के पास ही गांव दर्शना के आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है। अभिजीत अब रोजाना गांव के अन्य बच्चों के साथ आंगनबाड़ी में जाता है और वहां पढ़ाई करता है। वह अन्य बच्चों के साथ कतार में बैठकर मिड डे मील भी खाता है।
डीएम अर्चना वर्मा का कहना है कि वह चाहती हैं कि उनका बेटा सामान्य बच्चों के साथ रहे और उनकी तरह ही शिक्षा प्राप्त करे। वह चाहती हैं कि अभिजीत को सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की वास्तविक स्थिति का पता चले।
डीएम के इस कदम को हर तरफ से सराहा जा रहा है। लोग उन्हें एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में देख रहे हैं। इस कदम से अन्य अधिकारी और अभिभावकों को भी प्रेरणा मिलने की उम्मीद है कि वे अपने बच्चों को भी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजें।
डीएम के इस कदम से आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अब इस केंद्र में 34 बच्चे पढ़ते हैं। गांव की महिलाएं भी डीएम के बच्चे को देखने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र आती हैं। डीएम अर्चना वर्मा के इस कदम से यह संदेश गया है कि सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।
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