Diesel Car Ban : भारत में पेट्रोल, डीजल समेत इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ती जा रही है, जबकि कंपनियाँ सीएनजी वेरिएंट की कारों की बिक्री में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में कारों की खपत को पूरा करने के लिए ऑटोमोबाइल कंपनियों पर भार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से कंपनियों ने डीजल गाड़ियों के प्रोडक्शन को बंद करने का फैसला किया है।
खबरों की मानें तो साल 2027 तक भारत में डीजल इंजन वाली गाड़ियों के प्रोडक्शन पर बैन लगा दिया जाएगा, जिसके बाद सिर्फ बची हुई यूनिट्स की बिक्री होगी। इससे डीजल इंजन और कार बनाने वाली कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ सकता है, जबकि महिंद्र एंड महिंद्रा की स्कार्पियो एन और टोयोटा की फॉर्च्यूनर गाड़ियों को नए विकल्प की तलाश करनी होगी।
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दरअसल भारतीय पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस मंत्रालय की एक मीटिंग में यह फैसला किया गया है कि 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में साल 2027 तक डीजल गाड़ियों पर बैन लगा दिया जाएगा, जबकि इलेक्ट्रिक और पेट्रोल वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी की जाएगी। ऐसे में डीजल गाड़ियों और इंजन को इलेक्ट्रिक व गैस में तब्दील करने का काम शुरू किया जाएगा।
मंत्रालय का मानना है कि डीजल वाले वाहनों से प्रकृति को नुकसान पहुँचता है, जो बहुत ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करते हैं। ऐसे में डीजल गाड़ियों को पेट्रोल और इलेक्ट्रिक में तब्दील करने से पॉलीयूशन के स्तर को घटाया जा सकता है, जबकि इससे आम नागरिकों की समस्या बढ़ सकती है।