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बाइक रिपेयरिंग करने वाले की बेटी ने नीट में सफलता हासिल की, सफलता का श्रेय माता-पिता व भाइयों को दिया

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टैलेंट कभी गरीब और अमीर परिवार के आड़े नहीं आता। यह नहीं कहा जा सकता है कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे आगे नहीं बढ़ सकते। एक ऐसी ही फैमिली बैकग्राउंड की लड़की ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल की है, जिनके पिता दिनेश सिंह मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में बाइक रिपेयरिंग का छोटा-सा कारोबार करते हैं।

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आकांक्षा का परिवार मूल रूप से मधुबनी का रहने वाला है। लेकिन करीब दो दशक पहले इनके पिता मुजफ्फरपुर में ही आकर बस गए और तब से ये लोग मुजफ्फरपुर में ही है। आकांक्षा ने अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षा मुजफ्फरपुर से ही पास की है और अब उन्होंने मेहनत और लगन से पहले ही प्रयास में नीट यानी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट) की परीक्षा में 1547 भी रैंक हासिल की है।

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दोनों बड़े भाई भी इंजीनियरिंग किए

आकांक्षा के परिवार में पहले भी इनके बड़े भाई दिवाकर वाराणसी से इंजीनियरिंग कर चुके हैं। इनके दूसरे भाई उज्ज्वल अभी आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग कर रहे हैं और अब इन्होंने भी नेट में सफलता हासिल कर ली। तो यह कोई छोटी बात नहीं है कि एक ही घर के तीन-तीन बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल में सफलता हासिल किए।

सपना है दिल्ली के इन कॉलेज में पढ़ने का

आकांक्षा ने नीट की परीक्षा में जिस रैंक को हासिल किया है उस रैंक में उन्हें मेडिकल कॉलेज तो मिल जाएंगे, लेकिन उनका सपना है कि वह दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज या लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से ही पढ़ाई करें।

बेटी को ही सफलता का श्रेय देती हैं

आकांक्षा कि माँ रेणु सिंह जो कि एक गृहणी हैं, वह उनके इस सफलता का पूरा श्रेय आकांक्षा कि मेहनत को ही देती हैं। आपको बता दें कि आकांक्षा ने अपने नीट की परीक्षा में 720 अंकों में से 666 अंक हासिल किए हैं। आकांक्षा के घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि तीन-तीन बच्चों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कराई जाए।

उनके पिता ने कहा कि यह उनके लिए एक सपने जैसा है कि उनके तीनों बच्चों ने मेडिकल और इंजीनियरिंग में सफलता हासिल किए। उन्होंने यह भी कहा कि है उनकी उनके बच्चों की लगन और मेहनत का परिणाम ही है कि वह अपनी ज़िन्दगी में इस मुकाम पर पहुँच सके। लेकिन आकांक्षा के पिता भी अपनी किसी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे।

तैयारी को लेकर आकांक्षा ने क्या कहा?

आकांक्षा ने अपनी तैयारी को लेकर बताया कि वह लॉकडाउन की वज़ह से अपने पढ़ाई पर ज़्यादा कंसंट्रेट हो सकी और अपनी पढ़ाई का समय बढ़ाकर 9 से 10 घंटे कर दिया, जिससे वह महत्त्वपूर्ण विषयों पर फोकस कर सके। उन्होंने अपने नीट की परीक्षा कि तैयारी कोटा में रहकर की है।

उम्मीद है कि उन्हें अपने मनचाहे कॉलेज में एडमिशन मिल सके और वह अपने जीवन में एक अच्छे डॉक्टर के रूप में उभर कर सामने आ सके।

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News Desk
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