Car loan tips and tricks: आज के समय में ज्यादातर लोगों को चार पहिया वाहन की जरूरत महसूस होती है, जिसकी मदद से रोजाना ऑफिस जाना आसान हो जाता है और वीकेंड में ट्रिप पर भी जा सकते हैं। वहीं बाज़ार नें विभिन्न मॉडल की कारें मौजूद हैं, जिनकी कीमत काफी ज्यादा होती है और एक साथ इतनी ज्यादा रकम का भुगतान भी नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में विभिन्न फाइनेंस कंपनियाँ ग्राहक को कार लोन दिलाने का दावा करती हैं, जिसके तहत कार की कुल कीमत का भुगतान हर महीने छोटी-छोटी किश्तों में किया जा सकता है। लेकिन कार लोन लेने से पहले ग्राहक को उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वह गलती से भी ठगी का शिकार न हो सके।
क्या है 20-10-4 का फॉर्मूला?
कार खरीदने या फिर लोन लेने के लिए फाइनेंस वाले एक फॉर्मूला को फ्लो करते हैं, जिसे 20-10-4 के नाम से जाना जाता है। इस फॉर्मूला के तहत 20 का मतलब कार की कुल कीमत में से 20 प्रतिशत रकम का भुगतान डाउन पेमेंट के रूप में किया जाता है, जबकि बाकी की रकम को EMI में कटा लिया जाता है।
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वहीं इस फॉर्मूला में 10 का मतलब लोन और उसकी EMI होता है, जिसका भुगतान हर महीने किश्त के रूप में किया जाता है। यहाँ ग्राहक को ध्यान देना होगा कि कार की किश्त मासिक आय का 10 प्रतिशत हिस्सा हो, क्योंकि उससे ज्यादा रकम का भुगतान करने पर ग्राहक की जेब पर भार पड़ सकता है।
यानि अगर आप हर महीने 1 लाख रुपए कमाते हैं, तो आपको कार की किश्त 10 हजार रुपए देनी होगी। इससे मंथली खर्च भी आसानी से निकल जाएगा और कार की EMI भरने पर भी जोर नहीं पड़ेगा। जबकि इस फॉर्मूल में 4 का मतलब लोन का टेन्योर यानी अवधि होता है, जो 4 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
ऐसे में अगर आप लोन पर कार लेते हैं, तो यह ध्यान रखें कि लोन को पूरा खत्म करने की अवधि 4 साल की हो। इस फॉर्मूल को फ्लो करके आप सिर्फ 4 साल के अंदर ही कार की सारी किश्तों को आसानी से चुका देंगे और लोन से फ्री हो जाएंगे, जिससे दूसरी चीजों पर इंवेस्टमेंट करने पर आपकी जेब या बैंक अकाउंट पर जोर नहीं पड़ेगा।