वैसे तो ज्यादातर पुलिसवालों की पहचान सख्त अथवा रिश्वत लेने वाले सरकारी अधिकारी के रूप में ही की जाती है, पर फिर भी आए दिन हमें ऐसे किस्से सुनने या देखने को मिलते रहते हैं, जिनमें कई ईमानदार पुलिस वाले इंसानियत का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए आम लोगों की मदद करते हुए नजर आते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर भी महाराष्ट्र स्थित नागपुर के एक पुलिस ऑफिसर द्वारा किए गए मानवीयता भरे काम की खूब प्रशंसा की जा रही है।
असल में मामला कुछ यूं था कि जब एक ऑटो ड्राइवर अपने वाहन को छुड़ाने के लिए जुर्माना भरने हेतु अपने बच्चे के गुल्लक के पैसे ले आया तो यह देख सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर का दिल पसीज गया और उन्होंने उस ऑटो ड्राइवर का चालान अपनी जेब से ही भर दिया। इस सम्बंध में नागपुर सिटी पुलिस ने ट्वीट किया कि सीनियर पुलिस ऑफिसर अजय मालवीय ने जब देखा कि वह ऑटो ड्राइवर अपने बेटे के बचत के पैसों से 2, 000 रुपये का जुर्माना भर रहा है तो उन्होंने खुद ही अपनी पॉकेट से उसका फाइन भरने का निश्चय किया।
नो पार्किंग का कटा था चालान
हाल ही में नागपुर पुलिस डिपार्टमेंट ने 8 अगस्त को रोहित खडसे नामक ऑटो ड्राइवर का ऑटो जब्त कर लिया था। कहा जा रहा है कि फिर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के लिए उनके लिए चालान की रसीद भी जारी की गयी थी। जुर्माना लगने का कारण था कि उस ड्राइवर ने नो पार्किंग में अपना ऑटो खड़ा किया था, इसी वजह से उन पर 200 रुपये का जुर्माना लगा था। कहा जा रहा है कि इससे पूर्व भी उन पर लगे जुर्माने की कुछ रकम बाकी थी, इसलिए पुलिस ने उनका ऑटो जब्त कर लिया था।
पैसे नहीं थे तो बेटे का गुल्लक लेकर गया चालान भरने
रोहित नामक इस ऑटो ड्राइवर को कुल 2, 000 रुपये की राशि जुर्माने के तौर पर भरनी थी। परन्तु उसके इतने पैसे नहीं थे कि वह उस समय जुर्माने का भुगतान करके अपनी ऑटो छुड़ा पाता। उस ऑटो को चलाने से ही उसके परिवार की जीविका चलती थी, इसके अलावा उसके पास रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं था। उसकी आय भी कम थी, इसलिए जुर्माना भरने हेतु वह अपने बेटे के गुल्लक में इकट्ठा किए सिक्के निकालकर पुलिस के पास गया और अपनी ऑटो लौटने की गुहार की।
पुलिसवाले ने भरा रिक्शा ड्राइवर का जुर्माना
ऑटो ड्राइवर रोहित वरिष्ठ निरीक्षक अजय मालवीय के पास गया और उनसे ऑटोरिक्शा वापस करने की प्रार्थना की। जब पुलिसकर्मी अजय मालवीय ने उसके हाथ में सिक्कों से भरी थैली देखी तो ड्राइवर रोहित ने वह थैली टेबल पर रखी और बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनकी सारी जमा पूंजी खर्च हो गई है, इसलिए उसे अपना ऑटो छुड़ाने के लिए बेटे की गुल्लक लानी पड़ी। उनकी ये बात इंस्पेक्टर अजय के दिल पर लग गयी और उन्होंने अपनी खुद की पॉकेट से उस ऑटो चालक के ऑटो का फाइन भरकर उसे उसका ऑटो पुनः वापस दिलवाया। फिर उन्होंने रोहित को भविष्य में कभी भी ट्रैफ़िक नियम न तोड़ने की सलाह दी और उसे वापस जाने की परमिशन दी।
म्हणाला. तेंव्हा वाहतूक विभागाचे वपोनी अजयकुमार मालवीय यांनी त्याचा चालानचा दंड स्वतः भरून त्याच्या लहान मुलाचे गुल्लक मधून काढलेले संपूर्ण पैसे परत केले.सदरचे कुटुंब साश्रुनयनांनी ऑटो सह घरी आनंदात गेले.(2/2) pic.twitter.com/iz2LB2oo0j
— Nagpur City Police (@NagpurPolice) August 13, 2021
ट्विटर पर शेयर की कहानी
ये पूरी कहानी नागपुर पुलिस ट्विटर पर साझा की तथा साथ ही ऑटो ड्राइवर रोहित के परिवार के साथ इंस्पेक्टर अजय मालविय की फ़ोटो भी साझा की। अजय मालविय ने जो मानवीयता का काम किया है, उससे आशा की जा रही है कि अब धीरे-धीरे लोगों के दिलों में पुलिसकर्मियों के प्रति छवि बदलेगी।