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इस पिता ने कर्ज़ लेकर बेटे को पढ़ाया, आज बेटे ने IIT MAINS में 99.91 प्रतिशत अंक लाकर पिता का सपना किया साकार

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गोरखपुर: ज़िन्दगी को जब सही रास्ता मिल जाए, स्पष्ट लक्ष्य मिल जाए तो मुश्किल मानों आधी हो जाया करती है। ऐसा हम क्यों कह रहें हैं ये तो आपको आगे बताएंगे। लेकिन आज का दौर कड़ी प्रतिस्पर्था का है, ऐसे में हर किसी के लिए लक्ष्य तक पहुँचना आसान नहीं रहता। ख़ास तौर पर तब जब परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा हो। एक तो लक्ष्य से दूरी और ऊपर से संसाधनों की मार के बीच हर कोई खड़ा नहीं रह पाता।

आज भी हम आपको गोरखपुर (Gorakhpur) के एक ऐसे होनहार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी प्रतिभा बचपन से ही जगजाहिर हो चुकी थी। ऐसे में उसके पिताजी भले ही चाट का ठेला लगाकर गुज़ारा करते थे। पर बेटे पर कटभी पैसों की तंगीं का बोझ नहीं आने दिया। लिहाजा उसने भी अपने पापा की खून मेहनत की कमाई के पैसों का महत्त्व समझा और अपने पिता का नाम ऊंचा कर दिया। आइए जानते हैं कौन है वह लड़का।

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विवेक कुमार (IIT Topper Vivek Gupta)

विवेक गुप्ता (IIT Topper Vivek Gupta) का परिवार गोरखपुर के बशारतपुर गाँव का रहने वाला। घर में कमाने वाले केवल पिता ही है। घर के मुखिया विजय गुप्ता गाँव के पास में ही चाट का ठेला लगाते हैं। ऐसे में इनके बेटे विवेक के लिए चाट बेचकर होने वाली कमाई से पढ़ाना संभव नहीं था। लिहाजा बेटे की काबिलियत को देखते हुए विजय गुप्ता ने कर्ज़ भी लेने में संकोच नहीं किया। वह चाहते थे कि भले ही कर्ज़ क्यों ना लेना पड़े पर बेटे की पढ़ाई प्रभावित ना हो। वह भले ही कर्ज़ के बोझ तले दबते चले गए पर बेटे को कभी इसका अहसास नहीं होने दिया।

जब IIT में हुआ सेलेक्शन

बेटे को बड़ी मेहनत से कर्ज़ लेकर पढ़ाया था। ऐसे में जब बेटे ने IIT (Indian Institutes of Technology) की परीक्षा दी और 99.91 प्रतिशत अंक हासिल किए। तो मानो पिता की सारी मेहनत, सारे ख़्वाब ज़मीन पर आ गए। बेटे की कामयाबी को देखकर वह अपने ख़ुशी के आसू को रोक नहीं पाए। बेटे को झट से गले से लगा लिया। कुछ ऐसा ही मंज़र उनकी माँ के साथ बीता।

विवेक की माँ फूल कुमारी ने बेटे की पढ़ाई के लिए सभी शौक त्याग दिए थे। साधारण पहनावा और साधारण रहन-सहन के साथ वह सिर्फ़ बेटे के भविष्य के सपने देखती थी। ऐसे में जब बेटे की सफलता का समाचार मिला तो बेटे को गले से लगा लिया। मानो आज उनका सपना सफल हो गया हो। उन्होंने बेटे को आशीर्वाद दिया और भविष्य में आगे बढ़ने की दुआ की।

लॉकडाउन में जब काम हो गया था बंद

लॉकडाउन (Lockdown) से हम सभी वाकिफ हैं। इस दौरान अच्छे-अच्छों के काम धंधा चौपट हो गए थे। इसका प्रभाव विवेक (Vivek) के पिता विजय गुप्ता पर भी पड़ा। लॉकडाउन के दौरान उनकी बिक्री एकदम बंद हो चुकी थी। ऐसे में फिर से एक बार परिवार आर्थिक तंगी के बोझ का नीचे दबने जा रहा था। लेकिन विजय गुप्ता ने कभी इसकी परवाह नहीं की।

उनका शुरू से ही लक्ष्य था कि बेटे को एक दिन इंजीनियर बनाना है। वह सुबह शाम इसी सपने के साथ जीते था। इसी दिन के लिए वह काम के दौरान कड़ाके की सर्दी से लेकर चिलचिलाती धूप में भी काम करते रहते थे। साथ ही बेटे को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते रहते थे।

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JEE एडवांस है अगला लक्ष्य

बचपन से ही मेधावी रहे विवेक कुमार का सपना हमेशा से IIT में जाकर पढ़ना रहा है। आज जब उन्होंने IIT में बेहतरीन स्कोर किया तो उन्होंने अगला लक्ष्य JEE को बना लिया है। आत्मविश्वास और उत्साह से भरे विवेक का मानना है कि जल्द ही वह इस लक्ष्य को भी हासिल कर लेंगे। वह इस समय अपने JEE एडवांस की तैयारी में जी जान से जुट गए है।

विवेक के बड़े भाई धीरज गुप्ता ने बताया कि विवेक ने दसवीं क्लास में 95% अंक हासिल किए थे। उनके बड़े भाई ने भी एमएससी गणित (M.sc Math) से पास की हुई है। ऐसे में वह भी विवेक की मदद करते रहते थे। वह कहते हैं कि विवेक पिताजी के काम में हाथ बंटाने के साथ नियमित चार से पांच घंटे की पढ़ाई करते थे। विवेक ने बचपन से ही एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों को अपना हथियार बनाया है। वह केवल इन्हीं किताबों को हर परीक्षा के लिए पढ़ता था। यही उसकी सफलता का मूल-मंत्र है।

विवेक ने जिस तरह से अपने पिताजी के सपने को साकार किया है। पिताजी ने जिस तरह से कर्ज़ के बोझ के नीचे दबकर भी विवेक को पढ़ाया लिया उसके लिए ‘Awesome Gyan‘ उनके पिताजी को सलाम करता है और विवेक को उनकी सफलता के लिए बधाई देता है।

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News Desk
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