गरीब परिवारों से आज भी सरकारी नौकरी बहुत दूर की बात होती है। किसी गरीब परिवार में यदि कोई मेहनत करके सरकारी नौकरी हासिल कर लेता है, तो उसके उदाहरण पूरा परिवार देता है। दूर के रिश्तेदार तक उससे कुछ सीखने को कहते हैं। क्योंकि ग़रीबी के बीच आज के प्रतिस्पर्धा वाले दौर में सरकारी नौकरी हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है।
लेकिन आज हम जो कहानी आपको बताने जा रहे हैं, वह आप यदि निराश हो चुके हैं। हालातों और संसाधनों के मारे कुछ कर नहीं पा रहे हैं, तो आपके अंदर जो श भरने का काम करेगी। हमारी कहानी राजस्थान (Rajasthan) के एक ऐसे परिवार से जुड़ी है जिसके घर में पीढियों से सरकारी नौकरी का ख़्वाब देखा जा रहा था। लेकिन उस ख़्वाब को हकीकत करने वाले उस घर में दो ऐसे लाल पैदा हुए। उन्होंने इतनी सरकारी नौकरी की परीक्षा पास की कि आपको गिनने के लिए कागज-कलम उठानी पड़ेगी।
ये है कामयाब बच्चों का परिवार
ये दो भाई राकेश कुमार तानाण और महेंद्र कुमार तानाण हैं। इनके पिता मोतीलाल गाँव में ही खेती-बाड़ी का काम करते है। उनकी माता कमला देवी ज़्यादा पढ़ी-लिखी ना होने के चलते घर के काम-काज देखने का काम करती हैं। इनकी बहन प्रियंका की शादी हो चुकी है। उनके पति पेशे से डाॅक्टर हैं। दो भाइयों का सबसे छोटा भाई संजोग बीएसी पूरी कर चुका है। वर्तमान में वह भी अपने दोनों भाइयों से प्रभावित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गया है। आपको बता दें कि सबसे बड़े भाई राकेश कुमार ने अब तक 11 नौकरियों में सफलता पाई है साथ ही छोटे भाई ने 6 सरकारी पेपर पास किए हुए हैं।
राकेश कुमार तानाण (Rakesh Kumar Tanan) ने इन परीक्षाओं में पाई है सफलता
- राकेश ने सबसे पहले वर्ष 2010 में एसएससी एमटीएस (SSC MTS) की परीक्षा को पास किया। जो कि महज़ एक शुरुआत थी।
- इसके बाद साल 2011 में एसएससी आर्मी (SSC ARMY) की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए।
- साल 2011 में शिक्षक भर्ती से जुड़ी टेट (TET) और सीटेट (CTET) परीक्षा पास की।
- वर्ष 2011 के अंदर ही एसएससी स्टेनोग्राफर (SSC STENOGRAPHER) की परीक्षा को निकाला।
- वर्ष 2011 के दौरान ही एसएससी (SSC) की एक और परीक्षा शानदार अंकों से पास की।
- साल 2011 में ही राजस्थान के थर्ड ग्रेड एग्जाम में भी सफलता प्राप्त की।
- इसके बाद साल 2013 के दौरान ही फिर से थर्ड ग्रेड परीक्षा में शानदार अंकों के साथ पास की।
- साल 2013 के अंदर सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती की परीक्षा पास की। इस परीक्षा के बाद इन्होंने सीकर में अपनी नौकरी ज्वाइन की।
- वर्ष 2015 में ही राजस्थान के प्रथम ग्रेड व्याख्याता भर्ती की परीक्षा को पास किया। लेकिन बांसवाड़ा में पोस्टिंग आने के बाद ज्वाइन नहीं की।
- साल 2018 के दौरान प्रथम श्रेणी व्याख्याता परीक्षा पास की। जो कि राजनीति विज्ञान विषय से थी।
- इसके बाद साल 2018 में फिर प्रथम श्रेणी व्याख्याता परीक्षा दी। इस बार अंग्रेज़ी विषय से पास करके दिखाया।
छोटे भाई महेंद्र कुमार तानाण (Mahendra Kumar Tanan) ने भी लगातार पास की परीक्षाएँ
- सबसे पहले इन्होंने लोवर डिवीजन क्लर्क (LDC) की परीक्षा पास की।
- साल 2015 में रेलवे (RAILWAY) की परीक्षा पास कर स्टेशन मास्टर का पद हासिल किया।
- राजस्थान में ही आयोजित हुई साल 2016 में पटवारी (PATWARI) परीक्षा पास की।
- साल 2016 में रेलवे की एनटीपीसी (NTPC) परीक्षा को निकाल कर दिखाया।
- वर्ष 2017 में ग्राम सेवक (GEAM SEVAK) की परीक्षा पास की। फिलहाल वह इसी पद पर कार्यरत भी हैं।
- साल 2018 के दौरान इन्होंने भी अपने भाई की तरह द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की परीक्षा को पास किया। हालांकि इन्होंने नौकरी नहीं की।
घंटों करते थे पढ़ाई
इनके द्वारा पास की गई परीक्षाओं को देखकर आपको आभास हो गया कि ये पढ़ाई में ही लगे रहते होंगे। ये दोनों भाई बताते हैं कि घर में खा पीकर कमरे की कुंडी बंद कर लिया करते थे और घंटों पढ़ाई किया था। कमरा बंद होने की वज़ह से कोई डिस्टर्ब नहीं करता था। बड़े भाई की तो इस दौरान शादी हो चुकी थी, पर छोटे भाई की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में हर रोज़ ये कमरे में बंद होकर अपने लक्ष्य के प्रति जी जान से जुट जाया करते थे।
सोशल मीडिया से रहे दूर
ये दोनों भाई बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान उन्होंने हमेशा सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। आपको जानकर हैरानी होगी कि हम लोग जहाँ आज एक दिन भी सोशल मीडिया के बिना नहीं बिता सकते। वहीं इन भाइयों ने साल 2013 में आखिरी बार सोशल मीडिया का प्रयोग किया था। इतनी कामयाबी के बाद अब भी दोनों भाई रुके नहीं हैं। अब वह राजस्थान की आरएएस (Rajasthan Administrative Service) और आईएएस (Indian Administrative Service) जैसी बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इनका मानना है कि यदि ये भाई भी अगर सोशल मीडिया पर लगे रहते तो आज ये दिन उनकी ज़िन्दगी में कभी नहीं आता।
नोट्स बनाकर की पढ़ाई
दोनों भाई की यदि हम पढ़ने की रणनीति पर बात करे तो पता चलता है कि इन्होंने नोट्स (Study Notes) के माध्यम से पढ़ाई की है। वह सबसे पहले किसी भी टॉपिक को पूरा पढ़ते थे फिर उसके महत्त्वपूर्ण नोट्स बनाते थे। इसके बाद लगातार उसी नोट्स को पढ़ते और अपडेट भी करते रहते थे। इस तरह से परीक्षा के दिनों में कभी भी रिवीजन करने में उन्हें परेशानी नहीं होती थी। साथ ही उनकी सफलता का राज भी इन्हीं नोट्स में छिपा रहता था। वह सभी को नोट्स बनाकर ही पढ़ने की सलाह देते हैं।