वैसे तो आम लोगों का एक सपना होता है कि वह विदेश जाए वहाँ नौकरी करें और वही अपना जीवन यापन करें तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें यह सारी सुविधाएँ तो मिल जाती है लेकिन वह अपने इस ज़िन्दगी से संतुष्ट नहीं होते। कहीं ना कहीं उनका घर गाँव उन्हें अपनी और आकर्षित करता है। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अमेरिका जैसे देश में मिली हुई अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने गाँव वापस आ गए और गाँव वापस आकर शुरू किया बकरी पालन।
उस हौसले से भरपूर व्यक्ति का नाम है डॉ अभिषेक भराड (Abhishek Bharad)। जिनका जन्म महाराष्ट्र के चिखली तहसील के साखरखेड़दा गाँव में हुआ है। उनके पिता जिनका नाम भागवत भराड है, वह सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे। चूंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी खासी थी इसलिए उनके पिता भी चाहते थे कि अभिषेक पढ़ लिखकर अच्छी खासी कमाई करें और भविष्य में एक अमीर इंसान बने। शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार अभिषेक ने अपनी शुरुआती पढ़ाई महाराष्ट्र से ही पूरी की। हाँ लेकिन जब उन्होंने साल 2018 में अपनी बीएससी की डिग्री पूरी की, तब उनके पिता ने आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें विदेश भेज दिया।
उसके बाद अभिषेक ने अमेरिका के लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की और वहीं से अपनी पीएचडी की डिग्री भी हासिल की। पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 2013 में अभिषेक की नौकरी लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी में ही एक साइंटिस्ट के तौर पर लग गई। एक साइंटिस्ट के रूप में उन्होंने 2 सालों तक वहाँ नौकरी भी की और साइंस में बहुत सारे रिसर्च भी किये। एक साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रहे अभिषेक की सैलरी भी बहुत अच्छी थी। हर महीने 10 लाख सैलरी पाने के बाद भी अभिषेक का मन नौकरी करने में नहीं लग रहा था। हमेशा उनका मन अपने घर पर ही लगा रहता था।
उनका सपना था कि वह अपने देश में ही रह कर काम करें क्योंकि अपने देश में रहकर काम करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे अपने देश को ही लाभ होता है और उनके भारत लौटने के बारे में सोचने का दूसरा कारण यह था कि वह कुछ ऐसा रोजगार करना चाहते थे जिसे वह ख़ुद के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे सके। इन्हीं सारे विचारों के साथ उन्होंने आखिरकार तय कर ही लिया कि वह अपने देश भारत लौटेंगे और ख़ुद का रोजगार शुरु करेंगे।
उनके भारत लौटने के फैसले पर उनके घर वालों को बहुत आश्चर्य हुआ और खासकर यह जानकर कि वह 10 लाख महीने की सैलरी छोड़कर वापस आ गए। लेकिन उनके हौसले उनके ज़िद के आगे उनके घर वालों को झुकना पड़ा। अभिषेक अपने गाँव में ही खेती से जुड़ा व्यापार करना चाहते थे और इसके लिए उनके घर वालों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया।
एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान अभिषेक ने बताया की काफ़ी सोचने समझने के बाद उन्हें बकरी पालन में करियर को लेकर बड़ी कारोबारी संभावना दिखी और फिर उन्होंने बकरी पालन की ही शुरुआत की। लेकिन इस काम को करना इतना आसान नहीं था क्योंकि इसके लिए उन्हें बहुत बड़े ज़मीन और काफ़ी सारे संसाधनों की ज़रूरत थी। इसलिए उन्होंने सबसे पहले एक प्लान तैयार किया और लगभग 20 एकड़ ज़मीन लीज पर ले ली और इसके साथ ही बकरियों को रखने के लिए गोट शेड भी किराए पर ले लिया।
बकरी पालन के लिए अभिषेक ने 12 लाख का निवेश किया और 120 बकरिया खरीद कर अपने स्टार्टअप की नींव रखी। उन्होंने बकरियों को चारा खिलाने के लिए चारा को बाज़ार से खरीदने के बजाय उसे ख़ुद उगाने की सोची। इसके लिए उन्होंने अपने क्षेत्र की ज़मीन पर मक्का, बाजरा इत्यादि जैसी कई फसलो को बोया और इन्हीं का इस्तेमाल वह बकरियों के चारे के लिए करते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि उनकी पाली हुई बकरियों को शुद्ध और ताज़ा चारा मिल पाता है और खर्चे भी बाज़ार से कम होते हैं।
उनके इस स्टार्टअप शुरू करने के 1 साल के अंदर ही उनकी मेहनत रंग लाई और उनके फार्म में बकरियों की संख्या बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई। फिलहाल अभिषेक के पास 8 अलग-अलग नस्लों की लगभग 350 बकरियाँ है, जिसमें अफ़्रीकी बोर, बेतट, सिरोह, जमुनापरी जैसी नस्ल शामिल है। एक बकरी बेचने पर अभिषेक को लगभग 10 हज़ार की कमाई होती है और उनके महीने की कमाई लगभग 10 लाख से भी अधिक हो चुकी है।
अपने इस मुनाफे को देखते हुए अभिषेक अब बकरी पालन के साथ-साथ मुर्गी पालन और ऑर्गेनिक खेती भी शुरू कर चुके हैं। अपना ख़ुद का व्यापार करने के साथ-साथ उन्होंने कई लोगों को रोजगार प्रदान किया है। अभिषेक अपने एंप्लॉई को बहुत अच्छी सैलरी देते हैं।
इस तरह अभिषेक अपने इस स्टार्टअप को शुरू करके लोगों के सामने मिसाल बन चुके हैं। उन्होंने समाज को यह दिखा दिया कि विदेश में रहकर पैसे कमाना है बहुत बड़ी बात नहीं होती। बड़ी बात यह होती है कि जब आप ख़ुद कमाने के साथ-साथ दूसरों को भी पैसे कमाने के अवसर दें। उन्होंने यह भी उदाहरण पेश किया कि पशुपालन को भी सही तरीके से कर करके एक बहुत बड़ा व्यापार शुरू किया जा सकता है।
वर्तमान समय में अभिषेक लोगों को भी पशुपालन और खेती से जुड़ी जानकारियाँ देते हैं और उन्हें इसे करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी पूरी टीम हजारों किसानों को अच्छी खेती के साथ अच्छा मुनाफा के लिए भी मार्गदर्शन करती है। उनके द्वारा किसानों के लिए ग्रुप भी बनाया गया है जिसमें वे उनके लिए मुफ्त वर्कशॉप का आयोजन करते हैं और उन्हें खेती से जुड़ा ट्रेनिंग देते हैं।
आज के समय में अभिषेक खेती और पशुपालन को करके अपने विदेश की नौकरी से भी ज़्यादा खुश हैं और एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।