सामान्यतः हमनें शादी के बाद लड़कियों के सपनों को छूटते हुए देखा है। पढ़ाई-लिखाई और सपनों की जगह परिवार की जिम्मेदारियाँ ले लेती हैं और उनकी ज़िन्दगी रसोई संभालने व अपने घर में झाड़ू पोछा करने तक सिमित हो जाती है। उन्हें ख़ुद के लिए भी समय मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में आईएस बनी काजल जावला का ये सपना शादी के बाद ही साकार हुआ जिसे उन्होंने अपने पति के सपोर्ट से 28वें रैंक के साथ साकार किया।
पांचवें प्रयास में IAS बनी काजल के लिए शादी साबित हुई टर्निंग प्वाइंट
उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली काजल जावला ने 2010 में मथुरा से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक किया और फिर उनका जॉब गुड़गांव स्थित विप्रो जैसे प्रतिष्ठित कंपनी में लग गया जहाँ उनका सालाना पैकेज 23 लाख रुपए था।
जॉब के साथ-साथ वह यूपीएससी की तैयारी करने लगी थीं क्योंकि उनका मुख्य में सपना आईएस बनने का था। इस प्रकार 2012 में वह पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुई। काजल 2012 से लेकर 2016 तक तीन बार एग्जाम दी, मगर तीनों ही बार प्रारम्भिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाई।
फिर 2016 में काजल की शादी आशीष मलिक से हो गई। तीन बार की असफलता और फिर शादी ने इन्हें यह सोंचने पर मजबूर कर दिया कि अब यह कभी आईएस नहीं बन पाएंगी। फिर भी इन्होंने जॉब और पढ़ाई जारी रखा था।
इनके पति काफ़ी सपोर्टिव निकले और इनका सपना सच करने में पूरा सपोर्ट करने लगें। यहाँ तक कि काजल के ऑफिस से घर आने के पहले वह ऑफिस से घर आ जाते थें और खाना बना देते थें। काजल के लिए अब बस दो काम रह गया था जॉब करना और पढ़ाई करना। घर का बाक़ी सारा काम यहाँ तक कि झाड़ू-पोछा भी उनके पति स्वयं ही निपटा देते।
दोनों ने अपने काम में अपना जी-जान लगा दिया था और परिणाम यह रहा कि काजल जावला ने 2018 के यूपीएससी परीक्षा में 28वां रैंक हासिल कर लिया। काजल के पति यह साबित कर दिखाया कि जिस प्रकार कामयाब पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है उसी प्रकार काजल की सफलता के पीछे उनके पति का हाथ है।